Ratan Tata Uttarakhand : उत्तराखंड के पूर्व सीएम निशंक ने रतन टाटा को किया याद, कहा पहाड़ों के सौंदर्य पर मुग्ध थे टाटा, इसलिए बसना चाहते थे उत्तराखंड…..
Ratan Tata Uttarakhand उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि रतन टाटा उत्तराखंड की पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्यता से बहुत ज्यादा प्रभावित थे जिसके चलते वह यहां की वादियों में बसना चाहते थे। निशंक ने इस बात का उल्लेख करते हुए रतन टाटा की सादगी और उनका उत्तराखंड के प्रति प्रेम को सराहा है। उन्होंने बताया कि रतन टाटा उत्तराखंड के विकास और उसकी समृद्धि मे गहरी रुचि रखते थे और हमेशा पहाड़ों के विकास में योगदान देने की बात कहा करते थे।
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बता दें बीते गुरुवार को 86 वर्ष के भारतीय उद्योग के दिग्गज रतन टाटा इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए लेकिन उन्होंने पूरे देश में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। जिसके चलते उन्हें आसानी से भुलाना मुमकिन नहीं है। इसी बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उन्हें याद करते हुए मीडिया बातचीत में कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने 9 नवंबर 2010 को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर रतन टाटा को आमंत्रित किया था तो उन्होंने बेहद ही सहज भाव से निमंत्रण स्वीकार किया और कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान रुद्रपुर सिडकुल में नैनो कार की लांचिंग से लेकर उसके उत्पादन तक की प्रक्रिया में उनका उत्तराखंड आना जाना लगा रहता था। इसके अलावा साहित्य कला , संगीत, योग तथा ध्यान में उनकी गहरी रुचि थी । एक बार जब निशंक ने उनसे पूछा की वह इन सब के लिए समय कैसे निकाल लेते है तो उन्होंने जवाब दिया कि काम के बाद बचा समय वे ऐसे ही बिताते हैं। निशंक ने कहा कि देश ने एक अमूल्य हीरा खाया है जिनका सपना हर गरीब को सक्षम बनाना था। देश सशक्त और समृद्ध बने इसके लिए जीवन भर वो संकल्पित रहे जिनके योगदान को कोई भी भूला नहीं सकता है। इसके अलावा निशंक ने बताया की रतन टाटा उत्तराखंड की प्राकृतिक सौंदर्यता पर मुग्ध थे जिसके चलते उन्होंने कहा था कि वो यहां बसना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक से लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। इतना ही नही बल्कि उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि उन्होंने राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।