Gallantry Award 2024। Uttarakhand उत्तराखंड के रविंद्र रावत और सचिन नेगी को वीरता के लिए मिला शौर्य चक्र , राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेजर दिग्विजय को कीर्ति चक्र से किया सम्मानित….
Gallantry Award 2024 Uttarakhand उत्तराखंड को वीरों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां पर अनेक वीर जवान अपनी जान की परवाह किए बिना भारत मां की रक्षा के लिए रणभूमि में उतर पड़ते हैं। यही कारण है कि उनके अदम्य साहस , पराक्रम और जज्बे को हर कोई सलाम करता है। इतना ही नहीं यहां के लोगों ने समय-समय पर अपनी देशभक्ति और साहस के कई सारे उदाहरण भी प्रस्तुत किए हैं। उन्हीं में से उत्तराखंड के तीन वीर जवानों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी वीरता के लिए शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है जो उत्तराखंड के लिए बेहद ही गौरवशाली क्षण है।
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बता दें मेजर रविंद्र सिंह रावत मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जनपद के रहने वाले हैं जो सैनिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। दरअसल मेजर रविंद्र सिंह रावत भारतीय सेना की 44वीं राष्ट्रीय राइफल राजपूत में तैनात रहे है जहां पर उन्होंने 2022 मे जम्मू कश्मीर के एक गांव में घुसे आतंकवादियों को ढेर किया इतना ही नहीं उन्होंने 11 सफल ऑपरेशन और 28 आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें वह घायल भी हुए थे मगर फिर भी उन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए इस पूरे ऑपरेशन को संभाला था। मेजर रविंद्र सिंह रावत की इस वीरता के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया है।
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मेजर सचिन नेगी भी शौर्य चक्र से सम्मानित
ग्रेनेडियर के मेजर सचिन नेगी राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन में तैनात है जहां पर उन्होंने नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राइफल्स के कार्यकाल के दौरान कई सफल अभियानों में भाग लिया जिसमें उनकी बटालियन ने 14 आतंकियों को मौत के घाट उतारा। वहीं नवंबर 2022 को पुलवामा जिले में एक वाहन चेक पोस्ट गाड़ी में आतंकियों ने गोलाबारी करते हुए ग्रेनेड से हमला किया जहां पर उन्होंने संयम एवं सामरिक कौशल का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों को बेहद नजदीक से मार गिराया और एक अन्य को घायल किया जिसके चलते उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
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पैरा कमांडो दिग्विजय कीर्ति चक्र से सम्मानित
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर शहर स्थित डांग गांव के रहने वाले मेजर दिग्विजय सिंह रावत को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके अदम्य साहस के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है। 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के कमांडो मेजर दिग्विजय ने मणिपुर में उग्रवादियों का सफाया किया था। दरअसल बीते साल 5 जनवरी 2023 को गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे थे जहां पर एक ऑपरेशन के दौरान उनको सूचना मिली कि घाटी के विद्रोही समूह एक वीआईपी को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं इस सूचना के आधार पर मेजर दिग्विजय ने अपने एक सूत्र को सक्रिय किया जिसने विद्रोही समूह को भटका दिया और सूत्र सफलतापूर्वक विद्रोही समूह को उसी इलाके में ले गया जहां पर मेजर दिग्विजय सिंह की टीम उनका इंतजार कर रही थी। आतंकवादियों ने सैनिकों को देखते ही ऑटोमेटिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी लेकिन गोलियों की बौछार के बीच भी मेजर ने हार ना मानते हुए अपनी टीम को कुशलता से नियंत्रित किया और खुद रेंगते हुए आतंकवादियों के एक कैप्टन को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया। इतना ही नहीं ये आतंकवादी असम राइफल्स पर घात लगाकर हमला करने के मास्टरमाइंड भी थे इसी तरह 26 मार्च 2023 को भी एक अन्य ऑपरेशन के दौरान विद्रोही समूह के घुसपैठ की सूचना मिली जिसमें दिग्विजय रावत ने अपने शौर्य और पराक्रम को दिखाते हुए दुश्मनों को परास्त किया।