Uttarakhand Roadways Bus Election: चुनाव ड्यूटी में उत्तराखंड रोडवेज की बसें लगने से दिल्ली समेत इन सभी रूटों पर यात्री हो रहे हैं परेशान
राज्य में आगामी 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर है। एक ओर जहां राजनीतिक दलों द्वारा अंतिम दौर में कड़ी मेहनत से चुनाव प्रचार किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी सुरक्षित एवं भली-भांति मतदान संपन्न कराने के लिए पूरी कमर कसी हुई है। इसके लिए जहां सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात कर उन्हें चुनाव प्रशिक्षण दिया जा रहा है वहीं रोडवेज बस, केमू बस, जीएमओयू बस सहित निजी वाहनों को चुनावी ड्यूटी के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है। ऐसे में यात्रियों को आवागमन के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर रोडवेज की बसों के न होने से यात्री वाहनों के लिए तरसते हुए नजर आ रहे हैं। ताज़ा मामला राज्य के चम्पावत जिले का है, जहां सोमवार को रोडवेज प्रबंधन द्वारा एक भी बस का संचालन नहीं किया गया, वहीं मंगलवार को केवल आठ बसों को मैदानी क्षेत्रों में भेजा गया। जिससे यात्रियों में सीट के लिए काफी मारामारी हुई।(Uttarakhand Roadways Bus Election)
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बता दें कि चंपावत जिले में पहाड़ से मैदान की ओर जाने वाले यात्रियों को इन दिनों वाहन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। न तो उन्हें रोडवेज बसों में ही सीट मिल रही है और ना ही निजी वाहन मैक्स, बोलेरो जीप आसानी से मुहैया हो रहे हैं। जहां इसका फायदा कई वाहन चालक किराए में बढ़ोतरी कर उठा रहे हैं वहीं यात्री बीच सड़क पर खड़े होकर रोडवेज बसों सहित अन्य वाहनों का इंतजार करने को मजबूर हैं। इस संबंध में रोडवेज के एजीएम नरेंद्र कुमार गौतम का कहना है कि अकेले लोहाघाट डिपो की 36 बसों में से 23 बस चुनाव ड्यूटी में लगी हुई हैं। जिस कारण मैदानी क्षेत्रों मेंबस भेजने में परेशानियां हो रही हैं। मंगलवार को दिल्ली, देहरादून, बरेली के लिए दो-दो, नैनीताल और ऋषिकेश के लिए एक-एक बसों का संचालन किया गया।
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इसी तरह टनकपुर से पहाड़ जाने वाले यात्रियों को भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। घंटों रोडवेज बस की राह तकने के बाद भी उन्हें बस नहीं मिली। ऐसे में कई यात्री दोगुने तिगुने किराए पर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए तो रोडवेज स्टेशन पर सुबह से ही बसों के इंतजार में बैठे कई यात्रियों को रोडवेज प्रबंधन द्वारा दोपहर दो बजे बाद जैसे तैसे दो बसों का इंतजाम कर पहाड़ की ओर भेजा गया। जिससे नाराज यात्रियों ने रोडवेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में टनकपुर डिपो के आरएम पवन मेहरा का कहना है कि अभी तक कुल 30 बसों को निर्वाचन डूयूटी पर भेजा जा चुका है।
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