Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

उत्तराखण्ड

नैनीताल

आनन्द विहार से उत्तराखण्ड के लिए बसों की किल्लत, दिल्ली में भटकने को मजबूर हैं पहाड़ के लोग

जहां एक ओर डिजिटल इंडिया के सपने दिखाए जा रहे हैं वहीं देश की राजधानी दिल्ली सहित बड़े-बड़े महानगरों में आज भी ऐसे हालात हैं जिनकी वजह से अपने घर जाने को तैयार बैठे यात्री रात्रि में भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इसका एकमात्र कारण यह है उत्तराखंड राज्य के लिए चलने वाली बसों की भारी कमी.. एक तो बसों की भारी कमी ऊपर से अगर गलती से भी दो या तीन बसें स्टेशन पर आ भी जाए तो कुछ ही देर में यात्रियों की धक्का-मुक्की के बीच भर जाती है। जिसको बस में सीट मिल गई तो ठीक वरना फिर आ जाओ रोड पर दुबारा धक्के खाने के लिए। हालात यह है कि अगर आप सीधे-साधे व्यक्ति हैं, या फिर आप भीड़भाड़ में घुसना पसंद नहीं करते अथवा आपके साथ आपका परिवार भी है जिसमें छोटे-छोटे बच्चें भी शामिल हैं तो आपको इन बसों में सीट मिलना अंधेरे में तीर मारने जैसा होगा। और मजबूरन आपको निजी गाड़ियों के धक्के खाने पड़ेंगे। उत्तराखण्ड सरकार को दिल्ली से उत्तराखण्ड परिवहन निगम की गाड़ियों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि यात्रियों को प्राईवेट बसों के धक्के ना खाने पडे।




लोनेशम के जोशी द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल की गई एक पोस्ट ने दूसरे राज्यों से अपने घर उत्तराखंड आने वाले यात्रियों की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। उन्होंने अपना दुःख बयां करते हुए लिखा है कि बीती रात को वह 9 बजे से आईएसबीटी आनंद विहार पर हल्द्वानी के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। उन्हे आईएसबीटी पर बस के इंतजार में भटकते‌हुए करीब तीन घंटे हो गए थे और आधी रात भी होने को थी फिर भी अभी तक बस स्टेशन पर हल्द्वानी के लिए एक भी बस नहीं आई थी। सबसे खास बात जो उन्होंने बताई वह यह थी कि आईएसबीटी पर उनके जैसे क‌ई यात्री उत्तराखंड स्थित अपने-अपने क्षेत्र की बसों का इंतजार कर रहे थे जिनमें महिलाएं एवं छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे जो आधी रात को भी आईएसबीटी में धक्के खाने और मच्छरों का प्रकोप सहने को मजबूर थे। उनमें से कई बच्चे सो गए थे तो क‌ई खड़े-खड़े पांवों की थकान के कारण सड़क पर बैठने को मजबूर हो गए थे। जब उन्होंने पूछताछ केंद्र में पता किया तो उनके पैरों तले कि जमीन खिसक गई जब उन्हें पता चला कि अधिकांश दिन 8 बजे के बाद रामनगर या हल्द्वानी के लिए कोई बस नहीं मिलती और पहाड़ के लोग ऐसे ही भटकते रहते हैं।





More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top