Army Martyr kuldeep bhandari: रविवार को पैतृक गांव पहुंचेगा शहीद जवान का पार्थिव शरीर, अपने पीछे छोड़ गए हैं बूढ़ी मां, पत्नी और दो बच्चों को रोते बिलखते…
मेघालय के शिलांग से समूचे उत्तराखण्ड के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां ड्यूटी के दौरान उत्तराखण्ड का एक और जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान हवलदार कुलदीप सिंह भंडारी के रूप में हुई है। बताया गया है कि वह मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के रहने वाले थे। हालांकि अभी तक यह तो पता नहीं चल पाया है कि घटना कब और कैसे हुई परंतु मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के वक्त शहीद जवान अपने साथियों के साथ किसी आपरेशन पर जा रहे हैं। हवलदार कुलदीप भंडारी की शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे प्रदेश में भी शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें कि शहीद जवान अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी और दो बच्चों को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। उनका पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचने की बात सेना के अधिकारियों द्वारा कहीं गई है। तदोपरांत परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद शहीद जवान की अंत्येष्टि मंदाकिनी नदी किनारे पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।
(Army Martyr kuldeep bhandari)
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के फलई गांव निवासी कुलदीप सिंह भंडारी भारतीय सेना की 35 असम रायफल में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती मेघालय के शिलांग में थी। बता दें कि शहीद कुलदीप अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, 15 वर्षीय पुत्र आयुष व 18 वर्षीय पुत्री ईशा को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। जबकि उनके पिता हुकुम सिंह भंडारी का करीब डेढ़ वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक कुलदीप सिंह भंडारी बीते डेढ़ माह पूर्व ही छुट्टी पर घर आए थे, तब यह नहीं सोचा था कि यह उनसे आखिरी मुलाकात होगी।