Uttarakhand roadways Bus News: लगातार 20 से 23 घंटे ड्यूटी करने को मजबूर हैं उत्तराखंड रोडवेज के ड्राइवर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा…..
उत्तराखंड रोडवेज जहां हमेशा से ही अपनी अजीबोगरीब हरकतों के कारण चर्चा का विषय बनता रहता है वही आज फिर से उत्तराखंड रोडवेज से एक खबर सामने आ रहे हैं जहां उत्तराखंड रोडवेज अपने ड्राइवरों के साथ ही बस में यात्रा करने वाले यात्रियों के जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। बता दें कि रोडवेज की बसों में ड्राइवरों की कमी होने के कारण उपलब्ध ड्राइवरों से घंटों बस चलवाई जा रही है। बताते चलें कि इन ड्राइवरों से 20 से 23 घंटे ड्यूटी कराई जा रही है ऐसी कोताही यात्रियों की जान पर भारी पड सकती है। श्रीनगर डिपो की दो बसें चंडीगढ़ तथा दिल्ली के लिए संचालित होती हैं। रोडवेज की यह बसें सुबह 7:00 से 9:00 के बीच में दिल्ली तथा चंडीगढ़ के लिए रवाना होती हैं तथा अगले दिन सुबह 6:00 से 7:00 बजे वापस होती हैं।इन बसो मे जाने तथा वापस आने के लिए एक ही ड्राइवर के ड्यूटी होती हैं। यह हाल सिर्फ श्रीनगर डिपो का ही नहीं बल्कि अन्य डिपो का भी है जहां पर ड्राइवरों का अभाव है।
(Uttarakhand roadways Bus News)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: जोशीमठ में आने वाली है भारी आपदा, कई लोग हुए बेघर तेजी से धंस रही है जमीन
बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज में संविदा तथा विशेष श्रेणी के ड्राइवरों को 1 दिन में 250 किलोमीटर बस चलाना अनिवार्य है, लेकिन श्रीनगर से दिल्ली आने तथा जाने में करीब 750 किलोमीटर की दूरी तय की जा रही है। जिस में ड्राइवरों की एक साथ 3 ड्यूटी पूरी हो जाती हैं। श्रीनगर डिपो के विशेष श्रेणी ड्राइवर दयाल रावत का कहना है कि वे काफी लंबे समय से श्रीनगर से चंडीगढ़ की रोडवेज बस चला रहे हैं जहां की दूरी आने तथा जाने को मिलाकर लगभग 732 किलोमीटर पड जाती है। पहले तो बीच में आराम करने को मिल जाता था लेकिन अभी कोहरे के कारण आराम भी नहीं मिल पा रहा है। वही रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार लंबे रूट की बसों में ट्रिपल क्रु की व्यवस्था भी है जिसमें रास्ते में ड्राइवरों को बदला जाता है ताकि ड्राइवर आराम कर सके साथ ही उनका कहना है कि यदि श्रीनगर डिपो में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं है तो यह व्यवस्था की जाएगी।
(Uttarakhand roadways Bus News)
यह भी पढ़ें- हल्द्वानी: बनभूलपूरा के लोगों को सुप्रीम राहत, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक, सरकार से पूछे सवाल