uttarakhand: शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश अपने स्टाफ को समय पर पूरा वेतन देंगे निजी स्कूल..
राज्य में लगातार प्राइवेट स्कूलों द्वारा अपने स्टाफ को पूरा वेतन न देने के मामले सामने आ रहे थे। ऐसे प्राइवेट स्कूलों पर अब उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही एक बार फिर शिक्षा विभाग ने अपने इस आदेश में स्पष्ट किया है कि लाॅकडाउन के दौरान कोई भी निजी स्कूल न तो अभिभावकों को फीस देने के लिए बाध्य करेगा और नहीं इस शैक्षिक सत्र में फीस बढाएगा। हालांकि स्कूलों को थोड़ा रियायत देते हुए शिक्षा विभाग ने उन सभी अभिभावकों को स्कूलों की फीस देने की अनुमति दे दी है जो सक्षम है और स्वेछा से शुल्क जमा करना चाहते हैं, ताकि विद्यालय प्रबंधन अपने स्टाफ को समय पर सैलरी दे पाए परन्तु एक साथ कई महीनों की अग्रिम फीस देने पर भी शिक्षा विभाग ने अपने इस आदेश में रोक लगा दी है। गौरतलब है कि राज्य में कई निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस मांगने के मामले सामने आए थे जिसके बाद राज्य मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा कर अभिभावकों से फीस मांगने पर पहले ही रोक लगा दी थी।
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मासिक शुल्क का भुगतान न कर पाने वाले छात्र-छात्राओं का नाम नहीं काट सकेंगे निजी स्कूल, ना ही बड़ा पाएंगे फीस:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य की शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से बीते बुधवार को निजी स्कूलों के लिए एक आदेश जारी हुआ है। इस आदेश में कहा गया है कि निजी विद्यालयों द्वारा शैक्षिक सत्र 2020-21 में किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी। प्रदेश के समस्त सरकारी, अर्धसरकारी, सहायता प्राप्त तथा निजी स्कूल पिछले आदेश की तरह ही अभिभावकों को शुल्क जमा करने को बाध्य नहीं कर सकते और न ही ऐसे किसी विधार्थी का नाम पृथक कर सकते हैं जो इस दौरान लाॅकडाउन की वजह से उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण अपने मासिक शुल्क का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में स्थित समस्त विद्यालयों के द्वारा अपने समस्त स्टाफ को समय पर पूरा वेतन देने की बात भी इस आदेश में कहीं गई है। जिसके लिए इस आदेश में उन सभी अभिभावकों को शुल्क जमा करने की अनुमति भी दे दी है जो सक्षम है परन्तु ऐसे अभिभावक से भी केवल वर्तमान मास का शुल्क ही विद्यालयों द्वारा लिया जाएगा।
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