Shambhavi Rauthan pauri Garhwal: 7 नवंबर से 12 नवंबर तक जयपुर में आयोजित हुई ऑल इंडिया सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में पौड़ी जिले की शांभवी रौथाण ने जीता स्वर्ण पदक, बढ़ाया पूरे प्रदेश का मान…
Shambhavi Rauthan pauri Garhwal : उत्तराखंड की प्रतिभाशाली बेटियां आज खेल के क्षेत्र में बेटों की तरह बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है। इतना ही नहीं बल्कि वे हर क्षेत्र में अपनी चमक बिखेरने का साहस भी रखती है। यहां की बेटियां क्रिकेट, बैडमिंटन, मार्शल आर्ट, फेनसिंग चैंपियनशिप, फुटबॉल, बॉक्सिंग , स्प्रिंट चैंपियनशिप जैसे विशेष खेलों में अपनी जगह बनाकर पूरे प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं जो अन्य बेटियों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। हम आए दिन आपको ऐसी ही होनहार बेटियों से रूबरू करवाते रहते हैं जो अपनी मेहनत और समर्पण के दम पर विशेष उपलब्धि हासिल करती हैं। आज हम आपको पौड़ी जिले की शांभवी रौथाण से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने जयपुर में आयोजित हुई ऑल इंडिया सब जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया है। शांभवी की इस विशेष उपलब्धि के बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है।
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Shambhavi Rauthan Badminton Championship बता दें पौड़ी जिले की निवासी शांभवी रौथाण ने 7 नवंबर से 12 नवंबर को राजस्थान के जयपुर में आयोजित हुई ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता में गर्ल्स डबल्स अंडर 17 मे स्वर्ण पदक हासिल कर पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। जबकि उन्होंने मिक्स्ड डबल्स अंडर 17 मे तीसरा स्थान प्राप्त कर रजत पदक हासिल किया है। बताते चले शांभवी ने 8 साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था जिसकी प्रैक्टिस के लिए वह सुबह 4:00 बजे उठकर इंडौर कोर्ट में बैडमिंटन की बारीकियाँ सीखने के लिए पहुंचा करती थी। इतना ही नहीं बल्कि बैडमिंटन कोच की देखरेख में वह सुबह शाम जी तोड़ मेहनत किया करती है। इससे पहले शांभवी ने राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है। शांभवी के माता पिता शिक्षक के पद पर कार्यरत है जो अपनी बेटी को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। शांभवी बैडमिंटन खेल के प्रति इतनी समर्पित हैं कि उन्होंने बर्थडे शादियों और अन्य समारोह में जाना बंद करकर बैडमिंटन प्रैक्टिस पर विशेष जोर दिया कई बार उन्हें मैचों में हार का सामना भी करना पड़ा लेकिन जीत के लिए वह लगातार संघर्ष करती रही जिसकी बदौलत आज उन्हें यह विशेष उपलब्धि हासिल हुई है।
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