Rishikesh Ranikhet Highway: उत्तराखण्ड में बढ़ेगी राष्ट्रीय राजमार्गो की संख्या, ऋषिकेश रानीखेत समेत छः सड़कें होंगी एनएच में तब्दील, केंद्र से मिल गई है सैद्धांतिक स्वीकृति, जल्द जारी हो सकती है अधिसूचना…
उत्तराखण्ड के वाशिंदों के लिए एक बड़ी सुखद खबर सामने आ रही है जिसके मुताबिक राज्य में नेशनल हाईवे की संख्या बढ़ सकती है। बताया गया है कि राज्य की छह प्रमुख सड़कें जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील हो सकती है। सबसे खास बात तो यह है कि ये सभी सड़कें पर्वतीय क्षेत्रों की है। सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद अब इन सड़कों का एनएच के रूप में जल्द नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना है। राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील होने के बाद जहां एक ओर इन सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, जिससे आम लोगों का सफर आरामदायक हो जाएगा वहीं दूसरी ओर अलग अलग क्षेत्रों की आपस में दूरी भी घट जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा 189 किमी लम्बी काठगोदाम- भीमताल- धानाचुली- मोरनोला- खेतीखान- लोहाघाट- पंचेश्वर मोटरमार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील करने का प्रस्ताव भी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया था परंतु अभी इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति भी नहीं मिल पाई है। ज्ञातव्य हो कि यह सड़क मार्ग सैन्य और पर्यटन आवागमन की दृष्टि से कुमाऊं मंडल के लिए बेहद अहम है।(Rishikesh Ranikhet Highway) यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के लिए टूटेगा ब्रिटिश काल का फॉरेस्ट रेस्ट हाउस
बता दें कि इन सड़कों में लक्ष्मणझूला(ऋषिकेश)- दुगड्डा- नैनीडांडा- मोहान- रानीखेत सड़क, खैरना- रानीखेत मोटर मार्ग, बुआखाल – देवप्रयाग मोटर मार्ग, देवप्रयाग- गजा- खाड़ी मोटर मार्ग, पांडुखाल- नागचुलाखाल- उफरैंखाल- बैजरों मोटर मार्ग के अतिरिक्त बिहारीगढ़ – रोशनाबाद सड़क शामिल हैं। बताते चलें कि राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे थे। जिनमें से छह प्रमुख सड़कों को एनएच बनाने के लिए केंद्र की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। अब जल्द ही इन सड़कों को एनएच के रूप में नोटिफाई करने की अधिसूचना जारी हो सकती है। सबसे खास बात तो यह है कि लक्ष्मणझूला(ऋषिकेश)- दुगड्डा- नैनीडांडा- मोहान- रानीखेत सड़क मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील होने से जहां गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क संपर्क मजबूत होगा और आपस की दूरी भी काफी कम हो जाएगी। वहीं प्रदेश के लोगों को कुमाऊं और गढ़वाल के बीच सफर के लिए एक वैकल्पिक सड़क मार्ग भी मिल जाएगा।
(Rishikesh Ranikhet Highway)