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Sushila Bhoj someshwar Almora
फोटो सोशल मीडिया Sushila Bhoj someshwar Almora

अल्मोड़ा

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बधाई: अल्मोड़ा की सुशीला भोज ने रचा इतिहास माउंट गोरीचेन की चोटी फतह कर फहराया तिरंगा

Sushila Bhoj someshwar Almora: सोमेश्वर की बेटी सुशीला भोज ने फतेह की अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी , माउंट गोरीचेन पर फहराया तिरंगा, बढ़ाया पूरे प्रदेश का मान….

Sushila Bhoj someshwar Almora : उत्तराखंड की प्रतिभाशाली बेटियां आज खेल के क्षेत्र में बेटों की तरह बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है। इतना ही नहीं बल्कि वे हर क्षेत्र में अपनी चमक बिखरने का साहस भी रखती है। यहां की बेटियां क्रिकेट, बैडमिंटन, मार्शल आर्ट, फेनसिंग चैंपियनशिप, फुटबॉल, बॉक्सिंग जैसे विशेष खेलों में अपनी जगह बनाकर पूरे प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं जो अन्य बेटियों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। इसके साथ ही प्रदेश की बेटियां उच्च चोटियों को फतेह करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हम आए दिन आपको ऐसी ही होनहार बेटियों से रूबरू करवाते रहते हैं जो अपनी मेहनत और समर्पण के दम पर विशेष उपलब्धि हासिल करती हैं। आज हम आपको अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर घाटी की बेटी सुशीला भोज से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी को फतह कर पूरे प्रदेश सहित अपने देश को भी गौरवान्वित किया है।
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Sushila Bhoj mount Gorichen बता दें अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर घाटी की बेटी सुशीला भोज ने अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी माउंट गोरीचेन ( 6488 मीटर) को फतेह कर अल्मोड़ा जिले के साथ ही पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। दरअसल उन्होंने बीते गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के माउंट गोरीचेन में सुबह 5:30 बजे चढ़ाई पूरी कर भारत का ध्वज फहराया। इससे पहले सुशीला लद्दाख में चोटी फतह कर चुकी है। बताते चलें सुशीला नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (निमास) में प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत है । इस 14 दिवसीय पर्वतारोहण अभियान का नेतृत्व नायब सूबेदार जयपाल सिंह रावत ने किया। 27 सदस्यीय दल में सिर्फ एक महिला प्रशिक्षक सुशीला भोज शामिल रही।
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आपको जानकारी देते चले सुशीला बीते कुछ साल तक पांडेखोला में रह रही थी और इसके साथ ही वो कोसी नदी पुनर्जन्म प्रोजेक्ट में काम कर चुकी हैं लेकिन सुशीला की किस्मत में कुछ और लिखा था। बचपन से पर्वतारोहण का जुनून रखने वाली सुशील ने अपनी कड़ी मेहनत लगन और जुनून के चलते कामयाबी हासिल की। सुशीला की इस विशेष उपलब्धि के बाद से उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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