पथरीली आंखों से स्वदेश (uttarakhand) वापसी के लिए अफगानिस्तान (Afganistan) के काबुल एयरपोर्ट (kabul airport) पर विमान का इंतजार कर रहे हैं अमित, नमकीन बिस्कुट और पानी के सहारे हो रहा गुजारा..
तालिबान के चंगुल में फंसने के बाद अफगानिस्तान के हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। आलम यह है कि डर के साए में दूसरे देश के लोगों को अफगानिस्तान से वतन वापसी के लिए मजबूर होना पड़ा है। जिस कारण काबुल एयरपोर्ट पर इतनी भीड़ उमड़ रही हैं कि सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त होती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट पर खाने को कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। वतन वापसी की बाट जोह रहे लोगों को पानी पी-पीकर अपनी भूख शांत करनी पड़ रही है। अन्य देशों प्रदेशों के साथ ही उत्तराखण्ड (uttarakhand) के कई नागरिक भी जहां देवभूमि पहुंचकर चैन की सांस ले रहे हैं वहीं राज्य के कई वाशिंदे अभी भी अफगानिस्तान (Afganistan) में फंसे हुए हैं जिनकी वतन वापसी के लिए उत्तराखण्ड सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। अफगानिस्तान के ताजा हालात कैसे हैं वहां मौजूद लोगों की दर्दभरी आपबीती इस बात को अच्छे से बयां कर रही है। एक ऐसी ही आपबीती हम आज आपको सुनाने जा रहे हैं जो काबुल एयरपोर्ट (kabul airport) पर वतन वापसी के लिए विमान का इंतजार कर रहे अमित की है, जिसे वह अपने परिजनों और मित्रों के साथ साझा कर रहे हैं।
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बता दें कि मूल रूप से राज्य के देहरादून जिले के डाकरा निवासी अमित लंबे समय से अफगानिस्तान में नौकरी कर रहे थे। अपने वीडियो संदेश में अमित कहते हैं कि उन्हें तनिक भी अंदाजा नहीं था कि इस देश में ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे। तालिबान द्वारा तख्तापलट करने के बाद अब उनकी यही कोशिश है कि जल्द से जल्द अपने परिवार के पास वापस पहुंच जाएं और इसी आस में वह बीते दो दिन से काबुल एयरपोर्ट पर डेरा डाले हुए हैं। जहां हर वक्त उनकी आंखें जहां इस उम्मीद में हवाई पट्टी पर गड़ी रहती हैं वहीं कान उस एनाउंसमेंट सुनने को बेताब रहते हैं जिसमें उन्हें अपने मुल्क वापस ले जाने वाले विमान की बात हो। लेकिन अपनी पथराई आंखों से स्वदेश वापसी के लिए विमान का इंतजार कर रहे अमित का इंतजार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इन विपरीत परिस्थितियों को साझा करते हुए अमित कहते हैं कि बीते दो दिनों से काबुल एयरपोर्ट पर वह नमकीन-बिस्किट और पानी के सहारे ही जिंदा हैं और अब नमकीन बिस्कुट भी खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। इस संबंध में वह यह भी कहते हैं कि काबुल एयरपोर्ट पर तैनात सेना के जवान एयर लिफ्ट होने पर पासपोर्ट व मोबाइल फोन के अलावा कोई दूसरा सामान ले जाने से मना कर रहे है।
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