Uttarakhand app based taxi : उत्तराखंड राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया अहम फैसला, देहरादून से पांवटा साहिब तक जाने के लिए 110 निजी वाहनों के मालिकों को मिली अनुमति, तीन एप बेस्ड टैक्सी सर्विस कंपनियों को मिली लाइसेंस पर मंजूरी…
Uttarakhand app based taxi : उत्तराखंड राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसमें देहरादून से पांवटा साहिब तक यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए 110 निजी वाहन मालिकों को संचालन की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही राज्य में तीन एप बेस्ड टैक्सी सेवा कंपनियों को लाइसेंस की मंजूरी भी दी गई है। दरअसल यह कदम राज्य में परिवहन सुविधाओं को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है जिससे यात्रियों को बेहतर और सुविधाजनक सेवाएं मिल सकेंगी । इस बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से उत्तराखंड में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में कई बदलाव आने की उम्मीद है।
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uttarakhand cab taxi service बता दें बीते मंगलवार को उत्तराखंड राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में अहम फैसला लिया गया जिसके तहत राजधानी देहरादून से पांवटा साहिब निजी बसों के संचालन संबंधित प्रस्ताव पर एसटीए की बैठक में चर्चा की गई जिसमें 110 निजी वाहनों के मालिकों को हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब तक जाने की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही देश के तमाम राज्यों समेत उत्तराखंड में चल रही एप बेस्ड टैक्सी सर्विस की तर्ज पर उत्तराखंड में तीन और कंपनियों को ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग सर्विस शुरू करने की अनुमति मिल गई है। इतना ही नहीं बल्कि इस मामले में हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में उत्तराखंड और हिमाचल तक की सीमा का परमिट जारी किया था जिसके चलते परिवहन कारोबारी ने इसकी कानूनी लड़ाई लड़ी ऐसे में अब 110 परमिट देहरादून से विकासनगर कुल्हड़ होते हुए पांवटा साहिब तक जा सकेंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार से परमिट काउंटर साइन के लिए जल्द ही परिवहन आयुक्त कार्यालय की ओर से पत्र भेजा जाएगा। वहीं हल्द्वानी की हिटोहिट सॉल्यूशन को थ्री व्हीलर सेवा और एंबुलेंस सेवा के लिए चमोली की रूपकुंड पर्यटन विकास समिति और देहरादून की रोपन ट्रांसपोर्टेशन सर्विस को ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस के लाइसेंस के लिए आवेदक को मंजूरी मिल गई है हालांकि ऑनलाइन वाहन सुविधा उपलब्ध करने वाली कंपनियों के लाइसेंस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर काफी विरोध भी हुआ लेकिन टैक्सी यूनियन ने एसटीएफ के इस फैसले का बैठक के दौरान कड़ा विरोध जगाया साथ ही आंदोलन करने की चेतावनी भी दी। जबकि एसटीए ने देहरादून आईएसबीटी को बस अड्डे के रूप में अधिकृत किए जाने संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है ऐसे में बस अड्डे के संचालन में होने वाले खर्च और बसो की एंट्री समेत अन्य शुल्क को नए सिरे से तय किया जाएगा। बताते चले पहले आईएसबीटी से संचालित होने वाली बसों से ₹20 प्रति चक्कर शुल्क लिया जाता था लेकिन वर्ष 2023 में एमडीए की ओर से आईएसबीटी का अधिकरण करने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 120 रुपए कर दिया गया है।
जिसके चलते बस मालिकों ने हाई कोर्ट की शरण लेते हुए बढ़े शुल्क पर रोक लगाते हुए इसका निर्णय लेने के लिए एसटीए को निर्देश दिए थे। बैठक में राज्य के मैदानी और पर्वतीय मार्गों पर चल रहे स्टेज कैरिज, ठेका बस, मैक्सी टैक्सी, तिपहिया वाहन और निजी वाहनों के परमिट पर संचालित वाहनों की मॉडल सीमा निर्धारित करने संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमे 18 साल पर्वतीय मार्गों पर 15 साल कांट्रैक्ट कैरिज वाहनों के लिए मॉडल सीमा 10 साल तथा ग्रामीण क्षेत्र में 12 साल निजी व्यावसायिक वाहनों की मॉडल सीमा मैदानी मार्ग के लिए 18 साल और पर्वतीय मार्ग के लिए 15 साल करने की सिफारिश की गई है। इनमें से कुछ मामलों में स्पष्टीकरण मिला लेकिन कुछ बिंदुओं पर मॉडल सीमा का मामला अटक गया है।