दिल्ली से घूमने उत्तराखण्ड(Uttarakhand) आए पर्यटक(Tourist) ट्रैकिंग करते करते भटक गए औली(Auli) के जंगलो रास्ता फिर करना पड़ा रेस्क्यू
देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के खूबसूरत पहाड़, हसीन वादियां एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात है। जाड़ों के मौसम में जहां यहां कड़ी ठंड पड़ती है वहीं पहाड़ों में होने वाली बर्फबारी इसकी खूबसूरती में चार-चांद लगा देते हैं। जिसका दीदार करने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक(Tourist) आते रहते हैं। बात बर्फबारी की हो तो यहां के कई पर्वत शिखर, उच्च हिमालयी क्षेत्र ट्रेकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटन स्थल औली (Auli) भी इन्हीं में से एक है। चमोली जिले में स्थित औली में ट्रेकिंग के लिए पर्यटक आते रहते हैं। बीते रोज भी दिल्ली से तीन दोस्त ट्रेकिंग करने एवं घूमने के उद्देश्य से औली आए थे। दिन-भर तो उन्होंने ट्रेकिंग कर बहुत मज़े किए परंतु शाम को वापसी के समय वह रास्ता भटक गए। काफी देर तक गोरसों के चोंन्या बुग्याल के घने जंगलों में भटकने के बावजूद जब उन्हें बाहर जाने का कोई भी रास्ता नहीं दिखाई दिया तो उन्होंने गूगल की मदद से एडवेंचर एसोसिएशन के सदस्यों से संपर्क किया और उन्हें अपनी सारी परेशानी सविस्तार बताई। पर्यटकों को मुश्किल में पड़ा देख एसोसिएशन के सदस्य बिना वक्त गंवाए उनकी मदद को निकल पड़े और करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित औली कैंप लेकर आए।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: बाजार गई बच्ची रास्ता भटक कर पहुंची जंगल, बितानी पड़ी पूरी रात, सूझबूझ से पहुंची घर
पर्यटकों को इस तरह मुश्किल में फंसा देख एसोसिएशन के सदस्यों ने की मदद, तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित पहुंचाया जोशीमठ कैंप:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार नई दिल्ली के रहने वाले सिद्धार्थ वर्मा अपने दो दोस्तों के साथ राज्य के चमोली जिले के औली जोशीमठ में घूमने के लिए आए हुए थे। बताया गया है कि उन्होंने दिनभर औली में ट्रैकिंग करने के बाद शाम को वापसी का प्लान बनाया था। परंतु इससे पहले कि वह वापसी कर पाते तीनों दोस्त ट्रेकिंग के दौरान गोरसों के चोन्नया तोक में घने जंगलों में भटककर रास्ता भूल गए। काफी देर तक उन्होंने जंगल से बाहर निकलने की कोशिश की परंतु उन्हें सही रास्ता नहीं मिला। थक-हारकर सिद्धार्थ और उसके दोस्तों ने गूगल की मदद लेकर क्षेत्र में ही स्थित जोशीमठ एडवेंचर एसोशिएसन के सदस्यों से संपर्क कर उनसे मदद की गुहार लगाई। पर्यटकों को इस तरह मुश्किल में फंसा देख एसोसिएशन के सदस्यों ने तुरंत उनकी मदद करने की ठानी और एसोसिएशन के सदस्य संतोश कुंवर और विवेक पंवार बिना वक्त गंवाए लाइट आदि के साथ अन्य रेस्क्यू उपकरण लेकर घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। काफी खोजबीन के बाद उन्हें पता चला कि औली से दो किलोमीटर पैदल चलकर कोठी आलू फार्म हाउस के पास उनील तोक में रिंगाल के घने जंगलो के आसपास कुछ पर्यटक मौजूद हैं। जिस पर उन्होंने लाइट दिखाकर भटके हुए पर्यटकों को रास्ता दिखाया और करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पर्यटकों को सुरक्षित जोशीमठ कैंप पहुंचाया।
यह भी पढ़ें- कुमाऊं मंडल से गढ़वाल मंडल तक बर्फ़बारी से पहाड़ियाँ लदालद, पर्यटकों की संख्या में इजाफा