marriage in lockdown: कोरोना के कारण शादियों के सीजन में भी सूने है पहाड़, ना दिख रहे बाराती और ना ही सुनाई दे रही बैंड-बाजे की धुन..
कोरोना वाइरस ने मानव जीवन पर कितना गहरा प्रभाव डाला है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शादी का सीजन चल रहा है फिर भी सब कुछ शांत-शांत है ना तो बैंड-बाजे की धुन सुनाई दे रही है और ना ही बारातियों का डांस देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिले भी इससे अछूते नहीं हैं, जिन पहाड़ो में वैशाख और ज्येष्ठ मास में शादियों की धूम मची रहती थी और लोग नाते-रिश्तेदारी में जाने के लिए बन ठनकर घर से निकलते थे, वो भी आज शांत पड़े हैं। लॉकडाउन के कारण शायद ऐसा पहली बार ही हो रहा है। शादियों (marriage in lockdown) में ना तो बैंड-बाजा नजर आ रहा है और ना ही चहल-पहल, सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और कोरोना के भय की वजह से बाराती भी नाम मात्र के। ऐसे में जहां अधिकांश लोग अपनी शादी (marriage in lockdown) टाल रहे हैं वहीं कुछ लोग सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सादगीपूर्ण माहौल में विवाह सम्पन्न कर रहे हैं। बीते रविवार को भी राज्य के अल्मोड़ा जिले में एक ऐसी ही शादी देखने को मिली, जिसमें दुल्हा-दुल्हन लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए परिणय सूत्र में बंध गए।
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शादी में किया गया लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन, दुल्हा-दुल्हन ने भी सामाजिक दूरी के साथ लिए सात फेरे:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र के गनाई गांव के रहने वाले बचीराम नैनवाल की पुत्री नेहा का विवाह बीते रविवार को सम्पन्न हुआ। बारात मासी के नौगांव निवासी हीराबल्लभ गौड के घर से गनाई पहुंची थी। शादी के दौरान लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन किया गया। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बारात में दुल्हा-दुल्हन सहित कुल 20 लोग ही शामिल हुए। इन 20 लोगों में केवल परिवार के खास-खास सदस्य ही शामिल थे। यहां तक कि हीराबल्लभ गौड़ के पुत्र खीमानंद ने नेहा के साथ सात फेरे भी सामाजिक दूरी के साथ लिए। बता दें कि यह क्षेत्र की तीसरी ऐसी शादी (marriage in lockdown) थी जिसमें दुल्हा-दुल्हन कोरोना के कारण मास्क पहने हुए नजर आए। क्षेत्र में इन दिनों ऐसी ही शादियां चर्चा का विषय बनी हुई है जिनमें बुजुर्ग ग्रामीणों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने कोरोना जैसी परिस्थिति अपने जीवन में आज तक नहीं देखी।
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