Karan Arya Almora fire: अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण मे जंगल की भीषण आग को बुझाने में नाबालिग की गई जिंदगी, परिवार मे टूटा दु:खो का पहाड़, अब वन विभाग के अधिकारी अपना कर्मचारी बताने से कर रहे इनकार……….
Karan Arya Almora fire गौरतलब हो कि अल्मोड़ा जिले के बिनसर वन्यजीव अभ्यारण के जंगल में लगी भीषण आग मे वन विभाग के चार अधिकारियों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। जिसमें एक फायर वाचर करन आर्या भी शामिल थे। लेकिन अब इस मामले में वन विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है दरअसल वन विभाग के अधिकारी फायर वाचर करन आर्या को अपना कर्मचारी बताने से इनकार कर रहे हैं जिसको लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल यह विवाद करन आर्या की उम्र सामने आने के बाद शुरू हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आधार कार्ड के अनुसार करन की उम्र महज 17 वर्ष थी। अब ऐसे में यह अपने आप में बड़ा सवाल है कि जब नाबालिग फायर वाचर के पद पर नहीं था तो वह वन विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ जंगल की आग बुझाने कैसे पहुंचा? आखिर उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है? इससे भी अधिक हैरानी कि बात यह है कि वन विभाग के कार्यालय से करन के नियुक्ति संबंधी दस्तावेज भी गायब कर दिए गए हैं।
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बता दें अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में जंगल की भीषण आग को बुझाने के लिए गए भेटुली आयारपानी के निवासी 17 वर्षीय करन आर्या की आग की चपेट मे आने से दर्दनाक मौत हो गई थी जिसके कारण उनके परिवार मे दुःखो का पहाड़ टूटा है जहाँ एक ओर माँ अपने लाडले को खोकर बेसुध है और बार-बार वनाग्नि को कोस रही है तो वहीं दूसरी ओर बेटे की मौत के बाद पिता पत्थर दिल बन चुके हैं। इसके साथ ही करन का हाईस्कूल में पढ़ने वाला छोटा भाई असहाय होकर परिवार की विकट परिस्थितियों को देख रहा है। दरअसल करन के माता खेतीबाड़ी से जैसे तैसे करके परिवार चलाते हैं। जिसको देखकर करन ने इसी वर्ष अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के साथ ही परिजनों की मदद करने का फैसला लिया था इसलिए वह फायर सीजन के शुरू होने के बाद से ही एक दैनिक श्रमिक के रूप में लगातार आग बुझाने जंगल पहुंच रहा था।
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Almora forest fire incident binsar गौरतलब है कि बीते दिनों अल्मोड़ा के जंगल मे लगी भयावह आग की चपेट मे आने से चार अधिकारियों की जिंदगी चली गई थी जिनमे से एक नाबालिग करन भी शामिल था लेकिन अब करन की मौत के बाद उम्र को लेकर भारी विवाद शुरू हो गया है। वन विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि नाबालिग फायर वाचर कर्मचारी के पद पर नही था। जबकि बीते दिन घटना के बाद विभागीय अधिकारियों ने आग में झुलसने से एक फायर वाचर की मौत की पुष्टि की थी। करन के आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 20 सितंबर 2007 दर्ज है जबकि उम्र के अनुसार उसे अभी 17 वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे। परंतु विभागीय अधिकारी करन आर्य की उम्र 21 साल बता रहे थे। इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं वन विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आ रही है जिसके चलते स्थानीय लोग जांच की मांग उठा रहे हैं विवाद को बढ़ता देख वन विभाग अधिकारियों ने अब करन को अपना कर्मचारी मानने से ही इंकार कर दिया है। ऐसे में अब विवाद खड़ा हो गया है कि यदि करन फायर वाचर नहीं था तो अन्य वन विभाग के अधिकारियों के साथ आग बुझाने कैसे पहुंचा। बाल श्रम निषेध और विनियमन संशोधन विधायक 2012 के तहत 14 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को किसी भी खतरनाक व्यवसाय में काम करने के लिए नहीं रखा जा सकता इस पर अब वन महकमा पूरे मामले की जांच की बात कह रहा है।