उत्तराखण्ड :बाइक राइडिंग का ऐसा जुनून कि बाइक से लेह लद्दाख पहुंच गई पहाड़ की बेटी उज्ज्वला
पिता के स्कूटर से सीखा दोपहिया वाहन चलाना और देखते ही देखते बाइक राइडिंग बन गया उज्जवला का शौक:
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के चौबटिया के रहने वाली जगदीश चन्द्र सती की पुत्री उज्जवला ने दोपहिया वाहन चलाना अपने पिता के स्कूटर से सीखा। देखते ही देखते यह उनका शौक बन गया। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए उज्जवला ने पहले एक एवेंजर बाइक खरीदी और फिर दिल्ली में एक बाइक गुप्र भी ज्वाइन किया। पिछले करीब एक दशक से बाइक राइडिंग कर रही उज्जवला अब तक दिल्ली से रानीखेत, चंडीगढ़ एवं देहरादून का सफर भी बाइक से पूरा कर चुकी हैं। अपने अब तक के सबसे बड़े एवं सबसे मुश्किल अभियान की शुरुआत उज्जवला ने चार बार की विश्व रिकॉर्डधारी पल्लवी फैजदार के नेतृत्व में की। उज्जवला ने इस कठिन सफर का आगाज अपने दल के साथ दिल्ली से 8 जून की सुबह तीन बजे किया। उज्जवला का कहना है कि हिमालयन आईबैक्स के बैनर तले करीब 14 दिनों तक चले इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को गति प्रदान करना था। वर्तमान में एमबीए कर रही उज्जवला के अनुसार दिल्ली से शुरू हुआ उनका यह सफर श्रीनगर से जोजिला पास, द्रास से कारगिल होते हुए लेह और फिर वहां से खारदुंगला पास, बरालाचाला पास होते हुए वापस दिल्ली पहुंचकर समाप्त हुआ।