Uttarakhand Girls For marriage: उत्तराखंड के पहाड़ी युवाओं को लड़की मिलना हुआ भारी, उम्र ढल रही है धीरे-धीरे उधर लड़कियां देहरादून मे मकान के नाम पर रिजेक्ट कर रही है धीरे-धीरे …
Uttarakhand Girls For Marriage: इन दिनों उत्तराखंड सोशल मीडिया पर एक फनी डायलॉग बहुत वायरल हो रहा है की “तभी लेंगे फेरा जब देहरादून में होगा डेरा”” अर्थात पहाड़ की लड़कियों का कहना है जब देहरादून में घर होगा तभी वह शादी के लिए राजी होंगी। इससे तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि अब उत्तराखंड के लड़कों को नेपाल पर ही निर्भर होना पड़ेगा। वैसे इस बीच में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के ब्लॉगर अंकित रावत की नेपाल से शादी भी सोशल मीडिया पर बेहद सुर्खियां बटोर रही है। जहां उत्तराखंड के पहाड़ी लड़कों को शादी के लिए लड़कियां मिलना बेहद मुश्किल हो गया है इतना ही नहीं बल्कि जिन युवाओं की कुंडलिया लड़कियों से जुड़े भी रही है वह भी अंत में आकर देहरादून में मकान की बात पर अटक रही है।
हल्द्वानी और देहरादून में चाहिए मकान:(Uttarakhand wedding condition)
जैसे कुमाऊंनी लड़कियों को हल्द्वानी में मकान चाहिए वैसे ही गढ़वाली लड़कियों को देहरादून में अपना घर । इसके कारण पहाड़ के युवाओं की शादी की उम्र लगातार निकलती जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि अच्छी कमाई करने वाले युवाओं को भी शादी के लिए लड़कियां मिलना बेहद मुश्किल हो गया है। लड़कियों की बढ़ती देहरादून की डिमांड ने पहाड़ के युवाओं के शादी के सपने पर पानी फेरना शुरू कर दिया है। ऐसी डिमांड रखने वाली राज्य में सिर्फ एक दो लड़कियां नहीं बल्कि सैकड़ो लड़कियाँ है जिनकी प्राथमिकता पर देहरादून है।
बता दें पहाड़ी लड़कों को शादी के लिए लड़कियां मिलना सरकारी नौकरी मिलने जितना बेहद मुश्किल हो गया है। जिसके कारण लड़कों की शादी की उम्र लगातार निकलती जा रही है। वहीं दूसरी ओर लड़कियों की डिमांड बढ़ती ही जा रही है। दरअसल देहरादून में जमीन और मकान होने पर युवाओं की जल्द से शादी हो जा रही है किंतु जिनके पास ये सब सुविधाएं नहीं है उनसे शादी करने के लिए लड़कियां कतई राजी नहीं हो रही है। ऐसा ही कुछ पहला मामला विकास बताते है कि विगत वर्ष 16 अक्टूबर से 20 नवंबर तक उनके घर पर विवाह के लिए रिश्तेदारी व सगे संबंधियों के माध्यम से 22 जन्मपत्रियां आई थी जिसमें से 16 जुड़ी। इसके बाद एक-एककर संबंधित लड़कियों और उनके परिजनों से संपर्क किया गया लेकिन किसी ने भी शादी के लिए सीधे तौर पर क्योंकि उनकी और उनके परिवार की पहली प्राथमिकता देहरादून में जमीन व मकान होना था।
Uttarakhand Pahadi Marriage: वहीं दूसरे मामले में हरेंद्र ने बताया कि बीते 5 वर्ष से उनके परिवार वाले बड़े भाई के विवाह के लिए रिश्ता ढूंढ रहे हैं इस दौरान न जाने कितनी जगह बातचीत हो चुकी है लेकिन देहरादून में जमीन व मकान ना होने पर बात अटक रही है और अब वह भी 31 वर्ष के हो चुके हैं , उनके सामने भी यही बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। ऐसे सिर्फ दो ही मामले नहीं है बल्कि रुद्रप्रयाग जिले में 30 से 36 वर्ष तक के ऐसे सैकड़ो युवा है जिनके विवाह में देहरादून रोडा बन रहा है। जबकि वह अच्छा कमाने के साथ अपने घर गांव में भी अच्छी प्रॉपर्टी और शहर से बेहतर जीवन स्तर पर है। हम इस बात से चाहें जितना मुकर ले लेकिन देहरादून में जमीन और मकान की हाई-फाई डिमांड रखने वाली लड़कियों में से अधिकांश लड़कियां वो है जिन्होंने अपना बचपन गांव की गलियों में गुजारा है लेकिन आज वहीं लड़कियां गांव से छुटकारा पाने के लिए देहरादून की डिमांड कर रही है।
पहाड़ की लड़कियों की पहली प्राथमिकता बनी देहरादून (Pahadi girl married condition)
ऐसे में गांव कस्बों में अच्छा रोजगार प्रॉपर्टी के कोई मायने नहीं रह गए हैं। एक युवा ने बताया कि उनके गांव में 12 युवा है जिनकी उम्र 30 से 36 वर्ष हो चुकी है लेकिन देहरादून में जमीन मकान नहीं होने से उनकी शादी नहीं हो पा रही है। बताया कि उनके गांव के आसपास चार-पांच अन्य गांव में भी 70 से अधिक युवा है जो अच्छी प्राइवेट और सरकारी नौकरी कर रहे हैं लेकिन सेहरा बांधने के इंतजार में है।बताते चलें शिक्षा, स्वास्थ्य बैंक सहित अन्य संस्थाओं में सरकारी नौकरी लगने पर बेटियां दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं देने पहुंच रही है लेकिन जब उनके सामने विवाह की बात हो रही है तो वह पहली प्राथमिकता पर देहरादून को रख रही है। इसके पीछे की वजह शादी के लिए देहरादून स्टेट सिंबल नहीं बल्कि कुछ लड़कियों और उनके परिजनों की सुविधाओं की वजह से पसंद माना जा रहा है।
Rachna Bhatt
रचना भट्ट एक अनुभवी मिडिया पेशेवर और लेखिका हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और समाज, संस्कृति समसामयिक मुद्दों पर अपने विश्लेषणात्मक लेखन के लिए जानी जाती हैं।