coronavirus: बड़ी खबर, उत्तराखण्ड में भी अगले एक हफ्ते तक सरकारी कर्मचारियों को घर से ही काम करने के आदेश जारी..
इस वक्त की सबसे बड़ी खबर राजधानी देहरादून से आ रही है जहां सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विदित हो कि उत्तराखंड सहित सभी राज्यों की सरकारें इस वक्त कोरोना वायरस (coronavirus) से बचाव के लिए कड़े से कड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में आज राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, परिवहन एवं सफाई जैसे आवश्यक विभागों के कर्मचारियों छोड़कर सभी कर्मचारियों को घर से कार्य करने के आदेश प्रदान किए जाते हैं। राज्य के समस्त कार्यालयाध्यक्षों/ विभागाध्यक्षों को निर्देशित करते हुए इस शासनादेश में यह भी कहा गया है कि वे उनके कार्यालय के अंतर्गत कार्यरत केवल उन्हीं कार्मिकों को कार्यालय में बुलाए जिनकी उपस्थिति कार्यहित में अतिआवश्यक है। शेष कार्मिकों को घर से ही कार्य करने के आदेश जारी किए जाएं तथा समस्त कार्मिक दूरभाष के माध्यम से कार्यालय समय में उपस्थित रहेंगे एवं कार्यालय बुलाएं जाने पर वहां पहुंचकर बताए गए अति आवश्यकीय कार्य को सम्पादित करेंगे। छोटे-मोटे कामों को घर से फोन पर निपटाने की बात भी इस शासनादेश में कहीं गई है। यह निर्देश 19 मार्च से 25 मार्च तक की अवधि के लिए जारी किया गया है।
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सचिवालय भी हुआ एक सप्ताह के लिए बंद, बढ़ाए गए जिलाधिकारियों के अधिकार:- कोरोना वायरस (coronavirus) से देश के साथ ही सभी राज्यों की सरकारें अलर्ट है। सभी राज्यों की तरह ही उत्तराखण्ड सरकार भी कोरोना वायरस से बचाव के उपाय करने के लिए एक्सन मोड में आ चूकी है। स्कूल, कालेज, सिनेमाघरों, जिम, म्यूजियम एवं साप्ताहिक हाटों के बंद होने के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने अब राज्य सचिवालय को भी एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी शासनादेश में यह बात कही गई है। शासनादेश में कहा गया है कि राज्य सचिवालय 19 मार्च से 24 मार्च तक बंद रहेगा तथा सचिवालय के सभी कार्मिक दूरभाष पर उपलब्ध रहेंगे एवं घर से ही राजकीय कार्यों का संपादन करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो ही उन्हें सचिवालय बुलाया जाएगा। वहीं इस महामारी को देखते हुए सरकार ने सभी जिलाधिकारियों के अधिकारों में भी बढ़ोत्तरी कर दी है। इसके तहत जिलाधिकारियों को किसी भी कर्मचारी को किसी भी समय अपने कार्यालय में बुलाने का अधिकार प्रदान किया गया है और सभी कर्मचारियों को उनके आदेशों का पालन करना अनिवार्य होगा।