कोरोना (Covid) के डर से गांव मे किसी ने नहीं लगाया हाथ पुलिस (Uttarakhand Police) के जवान ले गए बेहोश व्यक्ति को अस्पताल लेकिन हो गई मौत..
वैश्विक महामारी कोरोना (Covid) से इस वक्त समूचा देश जूझ रहा है। इस कठिन दौर में जहां कई लोग आवश्यक सेवाओं की कालाबाजारी कर जमकर मुनाफा कमाने में लगे हैं तो कई ऐसे लोग भी है जो जरूरतमंदों और असहायों की मदद में जी-जान से जुटे हुए हैं। कोरोना की इन विपरीत परिस्थितियों में उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) भी मानवता की सेवा कर न केवल एक मिसाल पेश कर रही है बल्कि अपने सराहनीय कार्यों से बार-बार मित्र पुलिस के अपने उपनाम को भी सार्थक सिद्ध कर रही है। आज फिर उत्तराखण्ड पुलिस ने एक बीमार ग्रामीण को अपने कंधे में लादकर अस्पताल पहुंचाया । जी हां.. मामला राज्य के अल्मोड़ा जिले का है जहां एक ग्रामीण की तबीयत अचानक खराब हो गई। कोरोना महामारी के खौफ के कारण गांव के लोग बीमार ग्रामीण के पास जाने से भी कतरा रहे थे। ऐसे वक्त में घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची अल्मोड़ा पुलिस ने बीमार ग्रामीण को डेढ़ किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया हालांकि ग्रामीण को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
यह भी पढ़ें- संक्रमित माँ- बेटी को होने लगी सांस लेने में दिक्कत तो उतराखण्ड पुलिस ने घर भेज दिया ऑक्सीजन
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र के झुडंगा गांव निवासी आनंद सिंह पुत्र हीरा सिंह बुधवार को अचानक बेहोश हो गए। कोरोना के खौफ के परिजनों के साथ ही कोई भी ग्रामीण उनका हालचाल जानने नहीं गया। ऐसे में किसी ग्रामीण ने पुलिस को घटना की सूचना दी। खबर मिलते ही पुलिस विभाग की टीम पीड़ित के घर की ओर रवाना हो गई। दस किमी सड़क मार्ग का सफर तय करने के बाद अल्मोड़ा पुलिस के पुलिसकर्मी करीब डेढ़ किमी पैदल नदी नाले को पार कर किसी तरह गांव पहुंचे, जहां आनंद सिंह को बेहोश पड़े देखकर उन्होंने उसे अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया। सभी पुलिस कर्मियों ने पीपीई किट पहनकर बेसुध आनंद सिंह को अपने कंधे में लादा और करीब डेढ़ किमी पैदल चलकर उसे सड़क मार्ग पर तक पहुंचाया, जहां से उसे पुलिस कर्मियों ने अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने आनंद सिंह को मृत घोषित कर दिया। मृतक की कोरोना जांच करने पर वह निगेटिव निकला। चिकित्सकों का कहना था कि यदि कुछ समय पहले वह अस्पताल पहुंचा होता तो शायद उसे बचाया जा सकता था।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: बाइक सवार युवक हुआ दुर्घटना का शिकार, पुलिस ने खुद की जीप से पहुंचाया अस्पताल