Uttarakhand bridge broken kotdwar: सीएम धामी से मिलीं कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण, मुख्यमंत्री धामी ने खंडूड़ी की सभी मांगों को मानते हुए पुल गिरने की विजिलेंस जांच कराने का दिया आश्वासन..
कोटद्वार में सात किमी दूर मोटाढाक में मालन नदी पर बने डबल लेन पुल के टूट जाने से क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर है। पुल टूटने के तुरंत बाद जहां उन्होंने घटनास्थल से ही आपदा सचिव रंजीत सिन्हा को फोन कर खूब खरी-खोटी सुनाई वहीं रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मुद्दे पर बात कर विजिलेंस जांच कराने की बात भी मनवा ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष की बातें सुनने के बाद वैकल्पिक मार्ग मावकोट-कण्वाश्रम के चौड़ीकरण और सुगम बनाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री से बातचीत में कोटद्वार विधायक ऋतु ने कहा कि मालन पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता था। पुल के टूटने से सिगडी झण्डीचौड़ कालालघाटी एवं कण्वाश्रम में रह रहे हजारों परिवारों का कोटद्वार से संपर्क टूट गया है। जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने खंडूड़ी की सभी मांगों को मानते हुए पुल गिरने की जांच विजिलेंस से कराने की बात कही।
(Uttarakhand bridge broken kotdwar)
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आपको बता दें कि कोटद्वार के मालन नदी पर बने इस पुल का शिलान्यास वर्ष 2007 में खंडूरी सरकार के नेतृत्व मे हुआ था। कोटद्वार नगर और भाबर क्षेत्र को जोड़ने वाले मालन नदी पर बने इस पुल का उद्धघाटन वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा किया गया था। लेकिन मात्र तेरह साल की अवधि में ही यह पुल धराशाई होकर टूट गया। इस पुल के टूटने का कारण भारी बरसात में पानी के तेज बहाव से पुल का एक पिलर टूटना बताया जा रहा है।जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल गिरने का कारण अवैध खनन है। जिसके बारे में प्रशासन को कई बार अवगत भी कराया जा चुका था। लेकिन कभी भी किसी प्रकार की कार्यवाई नहीं हुई। लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे के अनुसार इस पुल के गिरने के कारणों की फिलहाल जांच की जा रही है। जांच पूर्ण होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस पुल के टूटने से स्थानीय लोगों की परेशानियों को देखते हुए वैकल्पिक पुल की व्यवस्था की जा रही है।(Uttarakhand bridge broken kotdwar)
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