Kotdwar Vijay Kumar Gaur: शव को देखते ही बेसुध हुए परिजन, अंतिम दर्शनों के बाद की गई अंत्येष्टि, छः वर्षीय बेटे के मासूम चेहरे को देख हर आंख हुई नम…
रोती बिलखती मां, बदहवास पत्नी पिंकी और छः वर्ष का एक मासूम बेटा सिद्धार्थ, जिसे शायद यह भी नहीं पता कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। इस वक्त यही हाल है कोटद्वार के उस परिवार का, जिसने तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में अपने एक पारिवारिक सदस्य को खो दिया है। जी हां… बात हो रही है तुर्की में काल का ग्रास बनने वाले विजय कुमार गौड़ के परिवार की। बता दें कि बीते रोज जैसे ही विजय गौड़ का शव तुर्की से उनके आवास पर पहुंचा तो जहां शोकाकुल परिजन फूटफूट कर रो पड़े वहीं इस गमहीन माहौल को देखकर वहां मौजूद कोई भी शख्स अपनी आंखों से अश्रुओं की धारा नहीं रोक पाया। विजय के इकलौते बेटे सिद्धार्थ के मासूम चेहरे को देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद गाड़ीघाट स्थित मुक्तिधाम में विजय का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान विजय के छह वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ और बड़े भाई अरुण गौड़ ने चिता को मुखाग्नि दी।
(Kotdwar Vijay Kumar Gaur) यह भी पढ़ें- Vijay Kumar Gaur Turkey earthquake पौड़ी गढ़वाल: मलबे में मिला विजय का शव हाथ में गुदे ऊं से हुई पहचान परिजनों में कोहराम
गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के रहने वाले विजय कुमार गौड़ पुत्र स्व. रमेश चंद्र गौड़ का परिवार वर्तमान में कोटद्वार के पदमपुर सुखरो नेगी चौक पर रहता है। बेंगलूरू की ऑक्सीप्लांट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में नौकरी करने वाले विजय बीते 22 फरवरी को कंपनी के काम से तुर्की गए थे। बीते छः फरवरी को तुर्की में आए भूकंप से अवसर नामक वह होटल भी जमींदोज हो गया था। जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा था। बीते शनिवार को तुर्की स्थित भारतीय दूतावास ने विजय का शव मिलने की खबर परिजनों को दी। जिस पर परिजनों ने विजय के हाथ में गुदे ऊं से उनकी शिनाख्त की। बता दें कि शिनाख्त होने के बाद तुर्की स्थित भारतीय दूतावास की ओर से विजय का शव दिल्ली भेजा गया। जहां से उनकी कंपनी के सदस्यों द्वारा एंबुलेंस में सोमवार दोपहर बाद 2:00 बजे विजय का शव उनके आवास पर लाया गया। जिसे देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मौके पर मौजूद आस पास के लोगों ने रोते बिलखते परिजनों को बमुश्किल संभाला। जिसके बाद विजय का अंतिम संस्कार गाड़ीघाट स्थित मुक्तिधाम में किया गया।
(Kotdwar Vijay Kumar Gaur)