उत्तराखण्ड का बेटा विवेक बना सेना में लेफ्टिनेंट, पहाड़ भी में दौड़ी खुशी की लहर
इस बात से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता कि बचपन से बच्चों को जैसा माहौल घर में मिलता है उसकी छाप जीवनभर उनकी जिंदगी में दिखाई देती है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भारतीय सेना में जितने भी वीर जवान शामिल हैं उनमें आधे से ज्यादा जवानों की कई पीढ़ियां सेना का हिस्सा रह चुकी है। देवभूमि उत्तराखंड में भी ऐसे परिवारों की कोई कमी नहीं है जो अपनी तीसरी-चौथी पीढ़ी में भी परिवार के सेना में जाकर देशसेवा करने की परम्परा का निर्वाह कर रही है। आज हम आपको एक और ऐसे ही नौजवान से रूबरू करा रहे हैं जिसने परिवार की तीसरी पीढ़ी का सदस्य होने के बावजूद न सिर्फ सेना की वर्दी पहनी अपितु अपने पिता और दादा-नाना से दो कदम आगे बढ़कर सेना में लेफ्टिनेंट का पद भी हासिल किया। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले विवेक सिंह खाती की, जो शनिवार को सैन्य अकादमी गया बिहार में हुई पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बनने गए है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार सहित पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है।
मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के बिरगोली गांव निवासी विवेक सिंह खाती एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसकी तीनों पीढ़ियां सेना में अपनी सेवा दे चुकी है। यहां तक कि उनके नाना स्व.पदम सिंह बोरा भी भारतीय सेना का हिस्सा रहकर देशसेवा में अपना योगदान दे चुके हैं। बताते चलें कि बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का जज्बा रखने वाले विवेक के पिता कैप्टन महेंद्र सिंह खाती सेना से सेवानिवृत्त हैं तो उनके दादा केशर सिंह खाती भी सेना से रिटायर्ड हैं। वर्तमान में परिवार सहित देहरादून के शिवराजनगर बडोवाला में रहने वाले विवेक की मां गीता एक कुशल गृहणी है। देहरादून के केंद्रीय विद्यालय बीरपुर से अपनी शिक्षा ग्रहण करने वाले विवेक की इस सफलता से परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है। विवेक ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को दिया है। उनकी इस सफलता से उनके पहाड़ स्थित गांव में भी खुशी की लहर है।
