Yoga centers in uttarakhand: प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहली बार बना रही योग नीति, योग केंद्र खोलने पर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि…
Yoga centers in uttarakhand : उत्तराखंड सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए एक नई योग नीति पर काम कर रही है जिसके तहत प्रदेश में योग केंद्र खोलने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। दरअसल इस नीति का उद्देश्य राज्य को योग और वेलनेस हब के रूप में विकसित करना है। जिसके चलते पहली बार बन रही इस योग नीति के तहत योग केंद्रों की स्थापना और संचालन के लिए आर्थिक सहायता समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी । उत्तराखंड की इस नई योग नीति का उद्देश्य न केवल योग केंद्रों की स्थापना करना है बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूक करना व युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान करना भी है।
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Uttarakhand Yoga Centers: बता दें प्रदेश में योग को बढ़ावा देने और लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए योग वेलनेस के 10 केंद्र खोले जाएंगे जिसके लिए आयुर्वेद विभाग ने कवायद तेज कर दी है। इतना ही नहीं बल्कि इन प्रत्येक केंद्रों मे एक योग अनुदेशक व बहुउद्देशीय कार्यकर्ता की भी तैनाती की जाएगी जो केंद्रों मे प्रतिदिन योग अभ्यास कराने के साथ लोगों को दिनचर्या की जानकारी प्रेषित करेंगे। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत पहले चरण में उत्तराखंड के पांच जिलों मे योग वेलनेस केंद्र खोले जा रहे हैं जिसमें उत्तरकाशी जिले में हर्षिल, भटवाड़ी, चमोली जिले में सुगी, नंदप्रयाग, चंपावत जिले में टनकपुर, चंपावत, नैनीताल जिले में नौकुचियाताल, पिथौरागढ़ जिले में ताल, पिथौरागढ़ में गूंजी शामिल है।
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आयुष मंत्रालय की ओर से प्रत्येक केंद्र के लिए प्रतिवर्ष 7 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी। इन केंद्रों को खोलने का मुख्य उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में योग और आयुर्वेद के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इतना ही नहीं बल्कि योग केंद्र खोलने के लिए सरकार प्रोत्साहन राशि देगी जो प्रदेश में पहली बार बन रही योग नीति में 20 लाख रुपए तक का सहयोग करेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से विभिन्न योग कोर्स करने पर फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। आपको बता दें कि योग केंद्र खुलने से इंस्ट्रक्टर की आवश्यकता भी होगी जिससे रोजगार बढ़ेगा।
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बताते चले प्रदेश सरकार ने आयुष क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए बीते वर्ष आयुष नीति को मंजूरी दी थी और अब योग नीति को धरातल पर उतारने के लिए शासन स्तर पर गहन मंथन चल रहा है। जिसके चलते आगामी 12 से 15 दिसंबर को उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन का आयोजन किया जाना है। इससे पहले योग नीति को मंजूरी मिल सकती है और आयुर्वेद विभाग की ओर से भेजे गए योग नीति का शासन स्तर पर प्रस्ताव का प्रशिक्षण किया जा रहा है इसके बाद वित्त विभाग की अनुमति पर नीति को कैबिनेट में रखा जाएगा।