Connect with us
alt="uttarakhand youth faced problem due to lockdown"

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड: लाॅकडाउन की भारी मार…. कुछ युवा कुरुक्षेत्र से तो कुछ दिल्ली से पैदल पहुंचे पहाड़

uttarakhand: पहाड़ के युवाओं के लिए नासुर बना कोरोना, कोई कुरूक्षेत्र से पैदल पहुंचे काशीपुर तो कोई थके-हारे पहुंचे भीमताल..

 जहां उत्तराखण्ड से दूसरे राज्यों के प्रवासी नागरिकों का पलायन लगातार पैदल ही जारी है वहीं दूसरे राज्यों में भी बहुत से उत्तराखण्डी युवा ऐसे हैं जिनके मालिक लाॅकडाउन के बाद न तो उन्हें अपने होटलों में रहने के लिए जगह दे रहे हैं और ना ही दो वक्त की रोटी। उल्टा ये होटल मालिक अपने कर्मचारियों का आधा-अधूरा हिसाब कर उन्हें अपने घर वापस लौट जाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे होटलों में काम करने वाले अधिकांश युवा उत्तराखण्ड के है और होटल मालिक की इस अमानवीय कृत्य से उनके पास अपने घर लौटने के अलावा कोई चारा नहीं है। यह सर्वविदित है कि लाॅकडाउन के कारण पूरे देश में यातायात व्यवस्था का संचालन अवरूद्ध है जिस कारण ये युवा पैदल ही उत्तराखण्ड आने को मजबूर हैं। आज हमारे सामने एक और ऐसी ही हृदयविदारक तस्वीर फिर सामने आई है जिसमें एक और तो राज्य के अल्मोड़ा जिले के आधा दर्जन से अधिक युवा हरियाणा के कुरुक्षेत्र से पैदल ही काशीपुर पहुंच गए तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली से कुछ युवा भूखे-प्यासे मुसीबतों का सामना करते हुए पैदल ही भीमताल पहुंचे। दिल्ली से आए युवाओं में मटेला निवासी संतोष, पवन, जीवन, कैलाश, भाष्कर और बेतालघाट सिमलखा के राकेश चंद्र शामिल हैं जो बीते शुक्रवार की सुबह 10 बजे पैदल आनंद विहार रोडवेज स्टेशन तक पहुंचे। और वहां से कहीं गाड़ी और कहीं पैदल चलते हुए रविवार को भीमताल पहुंचे।


यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: दोनों बेटे फंसे दिल्ली में पहाड़ में पिता की मौत, सासंद अजय टम्टा बने फरिश्ता

मजबूरी में पैदल ही चल पड़े कुरूक्षेत्र से अल्मोड़ा को:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के कुरुक्षेत्र में विभिन्न होटलों काम करने वाले राज्य के कुछ युवा पैदल ही अपने घर जाने को निकल पड़े हैं। बताया गया है कि ये सभी राज्य के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। कुरूक्षेत्र से पैदल चलते-2 ये सभी बीते 27 मार्च को काशीपुर पहुंचे जहां जब काशीपुर पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो इन लोगों का कहना था कि वह रेस्टोरेंट में काम करते थे, वहीं खाते थे और वहीं सोते थे। पिछले दिनों लाॅकडाउन के कारण होटल बंद कर उनको छुट्टी दे दी गई। उन्होंने आगे बीती 21 मार्च को रेस्टोरेंट मालिक ने उनका आधा अधूरा हिसाब कर उन्हें घर जाने को कह दिया, जिस कारण मजबूरी में सभी दोस्त पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। बता दें कि कुरूक्षेत्र से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 800 किमी है। ये जानते हुए भी उन्हें मजबूरी में यह रास्ता पैदल ही तय करना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि रास्ते में कुछ समाजसेवियों ने जगह-जगह उन्हें भोजन दिया जिसके कारण उन्हें पैदल चलने की ताकत मिलती रही। पूरा वाकया जानकर काशीपुर पुलिस की आंखों से भी आंसू टपकने लगें। पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए न सिर्फ उनके भोजन की व्यवस्था की बल्कि पहले उनके आराम करने के लिए जगह का प्रबंध किया और फिर अल्मोड़ा जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी की।


यह भी पढ़ें:- जब नहीं मिला वाहन, गोद में तीन माह का बच्चा लिए पैदल ही दिल्ली से उत्तराखंड पहुंची महिला

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!