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Uttarakhand Panchayat chunav election Tenure of Panchayat will not be extended Uttarakhand Panchayat Chunav
Image : सांकेतिक फोटो ( Uttarakhand Panchayat Chunav 2025)

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Uttarakhand Panchayat Chunav: उत्तराखंड में प्रशासकों का नहीं बढ़ेगा कार्यकाल

Uttarakhand Panchayat Chunav 2025  : त्रिस्तरीय पंचायत में तैनात प्रशासकों का नहीं बढ़ेगा कार्यकाल, कुछ दिनों मे अध्यादेश को मिल सकती है मंजूरी, पंचायती राज एक्ट संशोधन और ओबीसी आरक्षण का होगा निर्धारण

Uttarakhand Panchayat Chunav 2025:  उत्तराखंड की जनता की नजर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से जुड़ी तमाम खबरो पर बनी हुई है। इसी बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है जिसके चलते हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल 28 नवंबर 30 नवंबर और 1 दिसंबर को खत्म हो गया था हालांकि चुनाव ना हो पाने के कारण प्रशासको को पंचायतों का जिम्मा सौंपा गया था। आपको जानकारी देते चलें अब इसी महीने यानी मई मे पंचायत में नियुक्त प्रशासको का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है जिसके कारण राज्य सरकार पंचायत में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल दोबारा बढ़ाती हुए नजर नहीं आने वाली है जिसको ध्यान में रखते हुए त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर रणनीतियां तैयार कर ली गई है जिस पर जल्द ही अमल किया जाएगा। हालांकि अभी पेंच पंचायती राज एक्ट संशोधन और ओबीसी आरक्षण पर अटक रहा है लेकिन अगले कुछ दिनों मे दोनों आरक्षण अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिलते ही आरक्षण की सूची को तैयार कर जिलाधिकारी की ओर से पंचायत के आरक्षण की सूची जारी कर दी जाएगी। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।

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बता दें पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान रखा गया है कि 27 सितंबर 2019 के बाद जिसकी दो से अधिक संताने होगी उसे पंचायत चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा जिसका मामला न्यायालय में चला गया और इसके बाद न्यायालय ने जुड़वा संतान को इकाई संतान मानने का आदेश दिया । इसके बाद शासन ने आदेश जारी करते हुए इसमें कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 अंकित की जिसके चलते इसका विरोध होने लगा और संशोधन किए जाने को लेकर सरकार ने निर्णय लिया । ऐसे में पंचायती राज विभाग ने अधिनियम में संशोधन कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है जिसके बाद इस अध्यादेश को राजभवन भेजा गया जिस पर अगले कुछ दिनों मे मंजूरी मिलने की संभावना बनी हुई है। सरकार के स्तर से चुनाव की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। लेकिन चुनाव पंचायतीराज अधिनियम के तहत कराया जाना है जिस पर अभी बात अटक रही है। बताते चले चुनाव ना हो पाने के प्रशासकों को उत्तराखंड शासन की ओर से पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसमे 27 मई को ग्राम पंचायत 29 मई को क्षेत्र पंचायत और 1 जून को जिला पंचायत के प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में इनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही निर्वाचित की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है।

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