Indian Army: थेलीसैंण ब्लाक के जल्लू गांव निवासी नीतू रावत(Neetu Rawat) सेना में बनी लेफ्टिनेंट कर्नल, प्रदेश को किया गौरान्वित
बात जब भी भारतीय सेना(Indian Army) की होती है तो वीरभूमि उत्तराखंड का नाम देश-विदेश में बड़े गर्व के साथ लिया जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां के वाशिंदों का हमेशा सेना के प्रति लालायित रहकर मां भारती की सेवा करना है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि अब तक पुरूषों के एकाधिकार क्षेत्र समझे जाने वाली सैन्य सेवाओं में राज्य की वीर बेटियां भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही वीर बहादुर बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर समूचे उत्तराखंड को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं पौड़ी गढ़वाल जिले की रहने वाली नीतू रावत (Neetu Rawat) की, जिसकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से न केवल उसके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वरन गांव, क्षेत्र एवं जिले के साथ ही समूचे प्रदेश में भी खुशी की लहर है। बता दें कि सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली नीतू वर्तमान में आर्मी अस्पताल कोलकाता में सेवारत हैं। उन्हें सेना में भर्ती होकर मां भारती की सेवा करने की प्रेरणा अपने सूबेदार पिता गोविंद सिंह रावत (सेवानिवृत्त) से मिली हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लाक के जल्लू गांव निवासी नीतू रावत सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बन गई हैं। उनके पिता गोविंद सिंह रावत सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार है। बता दें कि केंद्रीय विद्यालय जालंधर से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत नीतू ने डीएवी कालेज से बीएससी नर्सिंग किया। तदोपरांत अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते अपने बचपन के सपनों को साकार करते हुए वह वर्ष 2002 में सेना में भर्ती हो गई, जिसके बाद उन्होंने कमांड हॉस्पिटल बंगलूरू में चार वर्षीय प्रशिक्षण लिया और सेना के मेडिकल कोर में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में सेवाएं देते हुए वह लेफ्टिनेंट बन गई। बताते चलें कि वर्तमान में आर्मी अस्पताल कोलकाला में सेवारत नीतू इससे पूर्व अहमदाबाद, रांची, रामगढ़, आरआर दिल्ली में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। बेटी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से पूरे परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।