UTTARAKHAND NEWS
नैनीताल: पीरूल गर्ल भारती जीना को मिला 50 हजार रुपए का नकद पुरस्कार…..
Bharti Jeena pirul girl: भारती जीना को नथुवाखान श्री कृष्ण जन्माष्टमी प्रोग्राम के आयोजन में उनके अनोखे कार्य के लिए मिला 50 हज़ार रुपये का पुरस्कार, भारती जीना भूमि पीरुल गर्ल नैनीताल के नाम से है प्रसिद्ध..
Pirul girl Bharti Jeena Ramgarh won price on Krishna Janmashtami nathuwakhan nainital self employment: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अक्सर चीड़ के पत्तों के कारण ग्रीष्म काल के दौरान जंगलों में भीषण आग लगती है इतना ही नहीं बल्कि इस आग की चपेट में कई बार जंगली जानवरों समेत पशु पक्षियों की जलने तक से मौत हो जाती है लेकिन अब यही चीड़ लोगों के स्वरोजगार का जरिया बन रहा है जिससे लोगो को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है। ऐसी ही कुछ कहानी है नैनीताल जिले की भारती जीना भूमि की जिन्होंने चीड़ के पत्तों को अपनी हस्तशिल्प कला के माध्यम से स्वरोजगार का माध्यम बनाया, इसके साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को भी स्वरोजगार की प्रेरणा दे रही है ।
भारती जीना भूमि को पीरुल गर्ल नैनीताल के नाम से भी जाना जाता है जिन्हे उनके अनोखे कार्य के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के प्रोग्राम में ₹50000 की धनराशि दी गई है।

यह भी पढ़े :Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब सरकार को पिरूल दो और रुपए कमाओं..
देवभूमि दर्शन को जानकारी देते हुए भारती जीना भूमि ने बताया कि वह नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के ध्वेती गांव की रहने वाली है जिन्हें इस वर्ष नथुवाखान श्री कृष्ण जन्माष्टमी प्रोग्राम के आयोजन में लखन सिंह नेगी पूर्व जिला पंचायत सदस्य की पत्नी पुष्पा नेगी पूर्व ब्लाक प्रमुख तथा वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य सूफी रामगढ़ से निर्वाचित हुई व ग्राम प्रधान शांति बिष्ट द्वारा उन्हें उनके अनोखे कार्य के लिए ₹50000 की धनराशि प्रदान की गई है जिसे समस्त मेला कमेटी ने एक साथ मिलकर दिया है। दरअसल भारती जीना भूमि को पीरुल गर्ल ऑफ नैनीताल के नाम से जाना जाता है जिन्होंने बचपन से अपने दादा को देखकर चीड़ के पत्तो से टोकरी समेत अन्य चीजों को बनाना सीखा है।

इंस्टाग्राम पर मिला पीरुल गर्ल ऑफ नैनीताल का नाम
भारती जीना भूमि को इंस्टाग्राम में वीडियो वायरल होने पर पीरुल गर्ल ऑफ नैनीताल का नाम सोशल मीडिया के जरिए मिला है । इतना ही नहीं बल्कि भारती जीना भूमि ने 10 तक की शिक्षा देवद्वार स्कूल से पूर्ण की है जहाँ के प्रधानाचार्य द्वारा भारती को इसी नाम से सम्मानित किया गया है। भारती इस काम को शौक के लिए किया करती थी लेकिन उन्हें कहां मालूम था एक दिन उनके ये शौक उनकी पहचान बन जाएगा। भारती जीना बताती है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हल्द्वानी कुमाऊं द्वार महोत्सव में टोकरी भेंट के रूप में प्रदान की। भारती ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक चीड़ के पत्तो से बनी टोकरी ले जाने में कुमाऊं की सुप्रसिद्ध लोकगायिका खुशी जोशी और उनके पति गोविंद दिगारी का विशेष सहयोग रहा जिसके चलते उन्हे इतने बड़े मंच पर पहचान मिली है ।

भारती जीना भूमि पीरुल से बनाती है कई प्रकार की वस्तुएं
भारती जीना भूमि चीड़ से टोकरी फ्लावर पॉट और सजावट की अन्य कई सारी चीज़ें बनाती है इसके साथ ही वह अन्य लोगों को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती हैं। भारती द्वारा बनाए गए उत्पादों को स्थानीय लोगों के साथ सैलानी भी बेहद पसंद करते हैं। बताते चलें भारती द्वारा बनाए गए चीड़ के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगती है जिन्हें लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है।भारती के पिता तेज सिंह जीना किसान है जबकि भारती की मां कमला जीना आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत हैं।

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।
