Pithoragarh panchayat election berinag Nisha And Janaki dhariyal: पिथौरागढ़ पंचायत चुनावों की भीड़ में देवरानी-जेठानी की निर्विरोध ताजपोशी बनी मिसाल
Pithoragarh panchayat election berinag Nisha And Janaki dhariyal: उत्तराखंड में जहां इन दिनों राज्य के 12 जिलों में चारों ओर पंचायत चुनावों का शोर-शराबा अपने चरम पर है, वहीं एक गांव ऐसा भी है जिसने लोकतंत्र की इस पवित्र गहराई को न केवल शांति और समझदारी के साथ स्वीकार किया है बल्कि बिना किसी मतभेद के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य का चयन कर आपसी सहयोग एवं एकता का भी परिचय दिया है। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले बेरीनाग विकासखण्ड के रीठा रैतौली गांव की, जहां के वाशिंदों ने चुनावी रस्मों को दरकिनार कर एक परिवार की देवरानी और जेठानी को ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में निर्विरोध चुना है।
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चुनाव प्रचार नहीं, ग्रामीणों ने आपसी सहमति से निकाला चयन का रास्ता Nisha And Janaki dhariyal Gram pradhan bdc member bering panchayat chunav 2025
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के बेरीनाग विकासखंड से लगभग 10 किलोमीटर दूर बसे रीठा रैतौली गांव में पंचायत चुनाव एक अलग अंदाज़ में सामने आया। यहां न तो प्रचार हुआ, न ही किसी तरह का राजनीतिक द्वंद्व। गांवों में जहां छोटी सरकार बनाने को कई बार आपसी मतभेद उभरकर सामने आते है वहीं रीठा रैतौली गांव के करीब 800 की आबादी ने एकमत से तय किया कि ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य का चुनाव मतदान से नहीं, आपसी सहमति से होगा। अपने इस निर्णय का सम्मान करते हुए ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के लिए निशा धारियाल और क्षेत्र पंचायत सदस्य केलिए जानकी धारियाल का चुनाव किया है। सबसे खास बात तो यह है कि निर्विरोध चुनी गई ये दोनों महिलाएं एक ही परिवार से हैं और दोनों का आपस में सगी देवरानी और जेठानी का रिश्ता है।
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लोकतंत्र की जड़ों में बसी सेवा की परंपरा uttarakhand panchayat election 2025
आपको बता दें कि रीठा रैतौली गांव में इस परिवार की सेवा परंपरा नई नहीं है। गांव के बुजुर्ग बाला दत्त धारियाल वर्ष 1980 से लेकर 2003 तक लगातार ग्राम प्रधान रहे। इसके बाद वर्ष 2003 में उनकी पत्नी अम्बिका धारियाल को ग्राम प्रधान चुना गया और उस समय उनकी बहू जानकी धारियाल बीडीसी सदस्य बनीं थीं। अब इस बार जहां बाला दत्त के छोटे बेटे की पत्नी निशा ग्राम प्रधान चुनी गई है वहीं उनके बड़े बेटे की पत्नी जानकी बीडीसी सदस्य बनने जा रही हैं। इस संबंध में गांव के बुजुर्गों और स्थानीय लोगों के मुताबिक यह परिवार सरकारी योजनाओं से पहले निजी खर्च से विकास कार्यों को अंजाम देता रहा है। गांव में एक समय सड़क, शिक्षा और आधारभूत सुविधाओं का अभाव था, लेकिन आज यहां 10वीं तक की स्कूल सुविधा उपलब्ध है और गांव मुख्य सड़क मार्ग से जुड़ चुका है । यह सब इस परिवार के योगदान का ही परिणाम है।
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सास-बहू के बाद अब देवरानी-जेठानी की सरकार devrani jethani gram pradhan BDC member panchayat election chunav 2025
बताते चलें कि इस गांव में इससे पहले भी सास-बहू की जोड़ी सत्ता में रह चुकी है। वर्ष 2003 में अम्बिका धारियाल और जानकी धारियाल ने पंचायत की जिम्मेदारी निभाई थी। अब 2025 में यह परंपरा देवरानी-जेठानी की जोड़ी के हाथों में जा रही है। यह अनोखा समीकरण ग्रामीण राजनीति में सामंजस्य और सौहार्द का अनूठा उदाहरण पेश कर रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव में किसी भी सामाजिक या आपसी विवाद को पुलिस के बजाय आपसी बातचीत से सुलझाया जाता है, और इस पहल में यह परिवार हमेशा आगे रहता है।
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