Uttarakhand Police Soldier: डेढ़ वर्षीय मासूम बच्ची के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया उत्तराखण्ड पुलिस का जवान, 48 किमी का सफर तय कर कराया उपचार..
लाकडाउन के दौरान न जाने कितने ही गरीबों, असहायों एवं जरूरतमंदों की मदद कर चुकी उत्तराखण्ड पुलिस ने मानवता की मिशाल पेश कर आज एक बार फिर साबित कर दिया है कि आखिर क्यों उसे मित्र पुलिस का दर्जा दिया गया है। मामला राज्य के उत्तरकाशी जिले का है जहां एक डेढ़ वर्षीय मासूम हेडपंप में हाथ फंसने से घायल हो गई। परिजन घायल बच्ची के इलाज के लिए दर-दर भटकते रहे परंतु ना तो उन्हें उपचार का कोई साधन मिला और ना ही अन्यत्र ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था हो पाएं। ऐसे मुश्किल वक्त में बच्ची और परिजनों के लिए देवदूत बनकर आए उत्तराखण्ड पुलिस के जवान (Uttarakhand Police Soldier) पवन, जिन्होंने हादसे का पता चलते ही न सिर्फ बच्ची को अपनी बाइक से अस्पताल पहुंचाया बल्कि प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर ले जाकर उसका सम्पूर्ण उपचार भी कराया। पवन के इस सराहनीय कार्य से अब बच्ची का हाथ में पीड़ा ना के बराबर है। सबसे खास बात तो यह है कि जवान ने बच्ची का उपचार करवाने के लिए 48 किमी का सफर तय किया। पवन के इस कार्य की समस्त क्षेत्रवासियों ने जमकर सराहना की है।
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20 किमी दूर चिन्यालीसौड़ के अस्पताल में कराया प्राथमिक उपचार तो 28 किमी दूर हायर सेंटर भी खुद ही पहुंचाया:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के बड़ीमणी गांव निवासी दिव्यांशी रमौला घर के पास ही बने एक हेडपंप से खेल रही थी। इसी दौरान दिव्यांशी का हाथ हेडपंप में फस गया जिससे उसे चोट लग गई। चोट इतनी भयंकर थी कि दिव्यांशी के हाथ का अंगूठे में देखते ही देखते सूजन आने लगी, इसके साथ ही बच्ची को असहनीय दर्द भी हो रहा था जिससे वह जोर-जोर से रोने लगी। दिव्यांशी की ऐसी हालत देखकर उसके परिजन उसे पास ही में स्थित मेडिकल स्टोर पर ले गए परंतु उनके पहुंचने से पहले ही वह बंद हो चुका था। उन्होंने बच्ची को उपचार के लिए अन्यत्र ले जाने की सोची परंतु उसके लिए भी गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो पाई। इस वाकए की सूचना जैसे ही स्यांसू पुल पर ड्यूटी में तैनात पुलिस जवान पवन चौहान को चला तो वे तुरंत बाइक उठाकर बच्ची के परिजनों के पास चले आए और घायल दिव्यांशी को उसके पिता के साथ बाइक पर बैठाकर पहले गांव से चार किलोमीटर दूर स्वास्थ्य केंद्र बल्डोगी ले गए और फिर उसे 16 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को हायर सेंटर रेफर किया गया। पवन ने दिव्यांशी को 28 किमी दूर उत्तरकाशी अस्पताल पहुंचाया जहां हुए उपचार के बाद बच्ची का हाथ ठीक है।
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