Uttarakhand Rain Forecast: मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का आरेंज अलर्ट, राज्य के आठ जनपदों में हो सकती है भारी से भारी बारिश..
इन दिनों मौसम विभाग का पूर्वानुमान (Uttarakhand Rain Forecast) शत प्रतिशत सही साबित हो रहा है। आज एक बार फिर मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग द्वारा जारी इस अलर्ट में कहा गया है कि 25 से 28 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में अधिकांश जगह बारिश हो सकती है। इस दौरान देहरादून सहित प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होने और आकाशीय बिजली गिरने की आंशका भी जताई गई है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र ने बताया कि 25 अगस्त को जहां देहरादून, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश की संभावना है वहीं 26 तथा 27 अगस्त को राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के आठ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का आरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इन जिलों में पौड़ी, हरिद्वार, टिहरी, नैनीताल, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर शामिल हैं जहां कई स्थानों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। 28 अगस्त को भी बारिश का यह दौर प्रदेश के चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून और नैनीताल जिलों में जारी रहने की संभावना मौसम विभाग द्वारा व्यक्त की गई है।
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लगातार हो रही भारी बारिश से पहाड़ों में कई जगह हो रहा है भूस्खलन, मलबा आने से 150 से ज्यादा सड़कें बंद:-
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस समय मानसून अधिक सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है, जिससे भारी बारिश का यह दौर अभी जारी रहने की संभावना है। बता दें कि राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश से जहां पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ ने कहर बरपाया है। पर्वतीय जिलों में इस दौरान बादल फटने और अतिवृष्टि की घटनाएं भी अधिक हुई है। जगह-जगह मलबा आने से प्रदेश में 150 से अधिक सड़कें बंद है। जिनमें चार राष्ट्रीय राजमार्ग, सात राज्य व सात प्रमुख जिला मार्ग भी शामिल हैं। सड़कों के बंद होने से जहां यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है वहीं आम जनमानस को भी आवाजाही के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। बात अगर सीमांत जिले पिथौरागढ़ की करे तो यहा इस बार मौसम की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। मुनस्यारी, धारचूला एवं बंगापानी में बादल फटने और अतिवृष्टि से गांव के गांव तबाह हो गए हैं। लगातार मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावितों का रेस्क्यू भी संभव नहीं हो पा रहा है।
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