Connect with us
Rifleman adarsh Negi of tehri garhwal uttarakhand martyr saheed Kathua Terrorist Attack

Uttarakhand Martyr

उत्तराखण्ड का लाल जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले में शहीद 26 वर्ष की उम्र में दिया सर्वोच्च बलिदान

adarsh Negi Kathua Terrorist Attack: परिवार में सबसे छोटे थे शहीद आदर्श, परिवार में मचा कोहराम, गांव में पसरा मातम, समूचे उत्तराखण्ड में दौड़ी शोक की लहर….

adarsh Negi Kathua Terrorist Attack
जम्मू-कश्मीर से समूचे उत्तराखण्ड के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां बीते रोज कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए चार जवानों में उत्तराखण्ड का एक वीर सपूत भी शामिल हैं। शहीद जवान की पहचान राइफलमैन आदर्श नेगी के रूप में हुई है। वह मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर गांव के रहने वाले थे। उनकी उम्र अभी महज 26 वर्ष थी। इतनी छोटी उम्र में जवान बेटे की शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे प्रदेश में भी शोक की लहर दौड़ गई है।

Martyr adarsh Negi tehri garhwal

यह भी पढ़ें- पौड़ी गढ़वाल: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद भूपेंद्र सिंह नेगी, पार्थिव शरीर देखकर पत्नी हुई बेसुध

saheed adarsh Negi tehri garhwal
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर गांव निवासी आदर्श नेगी बतौर राइफलमैन भारतीय सेना में कार्यरत थे। वह वर्ष 2019 में सेना की गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में थी। जहां कठुआ (Kathua Encounter) जिले से 150 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार के बदनोटा गांव में बीते रोज आतंकवादियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। इस हमले में भारतीय सेना के पांच जवान बलिदान हो गए जिनमें राइफलमैन आदर्श भी शामिल थे। शहीद आदर्श के  अतिरिक्त जेसीओ (नायब सूबेदार) अनंत सिंह, हेड कांस्टेबल- कमल सिंह, राइफलमैन अनुज सिंह, नायक विनोद कुमार ने भी इस आतंकी हमले में वीरगति पाई है।

बात शहीद आदर्श नेगी की करें तो वह एक सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करते हैं। परिवार में सबसे छोटे आदर्श ने अपनी बारहवी तक की शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार से प्राप्त करने के उपरांत गढ़वाल विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। वर्ष 2019 में जब वह बीएससी द्वितीय वर्ष में थे, तभी वह सेना की गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए। वह अपने पीछे माता-पिता और दो बड़े भाई बहनों सहित भरे पूरे परिवार को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। बताया गया है कि वह बीते फरवरी माह में ही अपने ताऊ के लड़के की शादी में छुट्टियों पर घर आए थे।

यह भी पढ़ें- अल्मोड़ा के मेजर हरीश चंद्र ड्यूटी में शहीद क्षेत्र में दौड़ी शोक की लहर

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

👉👉TWITTER पर जुडिए।

More in Uttarakhand Martyr

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!