उत्तराखण्ड : पहाड़ में दर्दनाक हादसा मांमा भांजे का शव पड़ा रहा दो दिन खाई में परिजन रहे परेशान
राज्य में दर्दनाक सड़क हादसे रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। विदित हो कि उत्तराखंड दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा हुआ राज्य है जिसकी अधिकांश जगह आज भी ऐसी हैं जहां अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उसकी सूचना भी दो-तीन दिन से पहले ना मिल पाएं। ऐसी ही एक दुखद दुर्घटना राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले में आज से चार दिन पहले उस समय हुई जब एक कार के अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से उसमें सवार दो लोगों की मौत हो गई। हादसे का पता तीन दिन बाद बीते बुधवार को उस समय चला जब उस मार्ग पर जाने वाले ग्रामीणों ने कार को खाई में पड़ा देखा। जिसके बाद उक्त ग्रामीणों ने हादसे की जानकारी नजदीकी पुलिस थाने को दी। हादसे की सूचना मिलने पर दुर्घटनास्थल पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों मृतकों के शवों को खाई से बाहर निकाला। आज सुबह दोनों मृतकों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही मृतकों के घरों में कोहराम मचा हुआ है। बताया गया है कि दोनों मृतक रिश्ते में मामा-भांजे थे।
दो दिन तक खाई में पड़े रहे मामा-भांजे के शव, इस दौरान घर वाले मिलाते रहे फोन:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार टिहरी गढ़वाल जिले के गजा तहसील के कंडारी गांव निवासी रमेश गुसाईं पुत्र बलवंत, एवं दोगी पट्टी के जरमोला गांव निवासी वीरेंद्र सिंह महर पुत्र स्व.बचन सिंह अपनी कार संख्या यूके 07 एजे-3158 से दिनांक 9 दिसंबर को शाम पांच बजे देहरादून के लिए निकले थे। उसी दिन शाम को जैसे ही उनकी कार नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मोटर मार्ग पर सोनगढ़ी खाला के पास पहुंची तो एकाएक अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। उनके पहुंचने की कोई खबर नहीं लगी तो परिजन उनको फोन मिलाते रहे, लेकिन उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। जिस कारण उनकी कोई लोकेशन भी पता नहीं चल पाई। बताया गया है कि मृतक वीरेंद्र रमेश का मामा था। वीरेंद्र पंजाब होटल में नौकरी करता था और वह डेढ़ माह पहले घर आया था। जबकि रमेश देहरादून के अजबपुर-कलां में कंप्यूटर सेंटर चलाता था। हादसे की खबर से मृतकों के घरों में कोहराम मचा हुआ है।
