उत्तराखण्ड रोडवेज का कंडक्टर नशे में धुत, पूरी बस की सवारियां बेटिकट…… “तुरंत बर्खास्त”
भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली त्रिवेन्द्र सरकार में भी न तो उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भ्रष्टाचार समाप्त हो रहा है और न ही चालक-परिचालक बस संचालन के दौरान शराब के सेवन से बाज आ रहे हैं। आए दिन ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने आते रहते हैं जिससे रोडवेज प्रबंधन को किरकिरी का सामना करना पड़ता है। यह हाल तब है जबकि रोडवेज के नए प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान इस तरह के मामलों पर खुद सख्ती बरतते हुए दिखाई दे रहे हैं। ताजा मामला उत्तराखंड परिवहन निगम के हरिद्वार डिपो की एक बस का है जिसमें चेकिंग के दौरान परिचालक पूरी तरह शराब के नशे में धुत था इतना ही नहीं इस बस में एक या दो नहीं बल्कि सभी यात्री ही बेटिकट थें। चेकिंग के दौरान यात्रियों से बात करने पर यह भी पता चला कि कंडक्टर ने किराया तो सभी से लिया था, मगर टिकट एक यात्री को भी नहीं दिया। बहरहाल महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि आरोपी कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए है। बताया गया है कि निलंबित कंडक्टर अरविंद कुमार एक नियमित कर्मचारी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरिद्वार डिपो की एक साधारण बस संख्या यूके07पीए-1335 के इंजन में एक दिन पहले ही काम करवाया गया था जिस कारण डिपो प्रबंधन ने बस को टेस्टिंग के लिए छोटे रूट पर हरिद्वार से नजीबाबाद तक भेजने का निर्णय लिया। मंगलवार रात को जब बस नजीबाबाद से वापस हरिद्वार आ रही थी तो बस का कंडक्टर पूरी तरह शराब के नशे में धुत था इतना ही नहीं उसने बस में सवार सभी 22 यात्रियों से किराया तो लिया परन्तु टिकट एक यात्री को भी नहीं दिया। उल्टा जब यात्रियों ने कंडक्टर से टिकट मांगा तो कंडक्टर ने यात्रियों से बदसुलूकी भी की। उक्त घटना का पता तब चला जब यात्रियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए कंडक्टर का दुर्व्यवहार सहन नहीं कर रोडवेज अधिकारियों को इसकी सूचना दी जिस पर अधिकारियों ने मुख्यालय से बस की चेकिंग के लिए तत्काल प्रवर्तन टीम भेजी और उस टीम ने बस को हरिद्वार पहुंचने से पहले ही चेक किया। चेकिंग में शिकायत सही मिलने पर टीम ने कंडक्टर के 22 बेटिकट रिकार्ड में चढ़ाकर टिकट मशीन कब्जे में ले ली और अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी। जिस पर महाप्रबंधक ने कंडक्टर अरविंद कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
