उत्तराखण्ड परिवहन निगम के गाड़ियों में कभी परिचालक फर्जी टिकट बुक के साथ पकड़ा जाता है , तो कभी अन्य भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है। लेकिन आज तो हद ही पार हो गयी, बता दे की गुरुग्राम से चंपावत जा रही बस के चलाक को नशेे में धुत्त देख सवारियों ने बस रुकवा दी। नशे में चूर चालक गुरुग्राम से गाजियाबाद तक तो जैसे तैसे बस चलाते हुए आ गया, मगर जब उससे गियर तक लगने बंद हो गए तो यात्रियों ने जबरन बस रुकवा ली। ये तो अच्छा रहा की यात्रियों में शामिल एक युवक बस चलाना जानता था। उसने तुरंत स्टेरिंग संभाला और रुद्रपुर तक बस लेकर पहुंच गया। प्रूफ के तौर पर एक यात्री ने पूरी घटना का वीडियो बना रोडवेज मुख्यालय को भेज दिया। जिस पर रोडवेज की महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव ने उक्त चालक को तत्काल बर्खास्त कर दिया और सूचना न देने पर परिचालक को सस्पेंड कर दिया गया। अगर यात्रियों को चालक के नशे में होने की भनक नहीं लगती तो शायद कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
आपातकालीन सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी नहीं लगे: प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना रविवार रात तब की है जब गुरुग्राम से पिथौरागढ़ डिपो की साधारण बस (यूके07 पीए-2906) सवारी लेकर चंपावत के लिए चली। बस में कुल तीस सवारी थी। दिल्ली तक तो मामला सही रहा लेकिन आइएसबीटी के बाद बस रवाना हुई तो बस अनियंत्रित ढंग से चलने लगी। कुछ यात्रियों द्वारा चालक के पास जाकर कारण पूछा गया तो मालूम चला कि चालक नशे में पूरी तरह से धुत है। चालक के नशे में होने की जानकारी मिलने पर यात्रियों ने परिचालक से बस रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने किसी की एक नहीं सुनी, इसके बाद यात्रियों ने जबरन बस रुकवा ली। यात्रियों द्वारा शराबी चालक को हटाकर दूसरी सीट पर बैठा दिया गया। समय रात का था और बस पर आपातकालीन सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी नहीं लगे तो उनमे से एक एक यात्री जो बस संचालन जानता था, लिहाजा यात्रियों के आग्रह पर वह बस लेकर रुद्रपुर तक पहुंच गया। रोडवेज चालकों की लगातार नई लापरवाहियां सामने आ रहीं, लेकिन प्रबंधन कोई सबक लेने को तैयार नहीं है।