Samaira Rawat: बहुमुखी प्रतिभा की धनी बेटी समायरा रावत को कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं
एक मशहूर कहावत हैं, ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात।’ चंद शब्दों की यह पंक्ति राज्य की महज दस साल की उस बेटी पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जिसे हाल ही में नवभारत राष्ट्रीय ज्ञानपीठ पुरस्कार 2022 और चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर की रहने वाली समायरा रावत की, बहुमुखी प्रतिभा की धनी इस बेटी की उपलब्धियों की जितनी भी सराहना की जाएं वो कम है। सच कहें तो समायरा जैसे बच्चों की अभूतपूर्व उपलब्धियां हमेशा इसी ओर इशारा करती है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों से घिरे इस पर्वतीय राज्य में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यही कारण है कि आज राज्य के होनहार वाशिंदे अपनी काबिलियत के दम पर चहुंओर छाएं हुए हैं।(Samaira Rawat)
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बता दें कि मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर निवासी समायरा रावत को हाल ही में नवभारत राष्ट्रीय ज्ञानपीठ पुरस्कार 2022 और चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया है। देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में समायरा की मां सारिका रावत ने बताया कि बहुमुखी प्रतिभा की धनी समायरा को अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2017 में समायरा को जहां 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने पर मिस बेलेज़ा का ताज पहनाया गया वहीं वर्ष 2018 में उसने टैलेंट हंट जीता है। इतना ही नहीं वह जिला स्तरीय प्रतियोगिता में शतरंज की चैंपियन भी रह चुकी है। इसके साथ ही वह बालीवुड कलाकारों के साथ विज्ञापन, रियलिटी शो एवं प्रिंट शूट में काम भी कर चुकी हैं। अपनी बेटी की उपलब्धियों से काफी खुश सारिका बताती है कि इतनी छोटी सी उम्र में समायरा स्टेट बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स, दिल्ली बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और जैकी इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपनी काबिलियत के दम पर कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं।
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