उत्तराखण्ड : 30 साल बाद स्टेयरिंग संभाल रहे ड्राइवर ने 10 जगह टकराई स्कूल बस, बच्चों में दहशत
राज्य में विद्यालय प्रबंधन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से कितना सबक ले रहे हैं और स्कूल प्रबंधन बच्चों की जिंदगी के प्रति कितने गम्भीर है ये तो भगवान ही जाने? हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमें तो बिल्कुल भी नहीं लग रहा है कि विद्यालय प्रबंधन बच्चों की जिंदगी के प्रति संवेदनशील भी है, और सोमवार को राज्य के ऋषिकेश में हुई घटना भी तो इसी ओर इशारा कर रही है। जहां विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण 36 मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। ऋषिकेश में एक स्कूल बस, जिसमें 36 बच्चे सवार थे, करीब 10 जगहों पर टकराकर एक बड़ी दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गई। फिलहाल तो शुक्र मनाइए कि सोमवार 10 जगहों पर बड़ी दुर्घटना होने से बची है क्योंकि बस की हर टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हर बच्चों की चीख ही निकल आई। फिलहाल तो विद्यालय प्रबंधन का इस मामले में कोई भी बयान सामने नहीं आया है परन्तु इस पर ड्राइवर का कहना है कि वह लगभग 30 साल बाद स्टेयरिंग संभाल रहा है। घटना की जानकारी मिलने पर बच्चों को सकुशल देखकर परिजनों की जान में जान आई। इस बाबत पुलिस को सूचना देने पर वहां भी संवेदनशीलता की सारे हदें तोड़ते हुए कोई भी पुलिसकर्मी मौका-ए-वारदात पर नहीं पहुंचा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऋषिकेश के श्यामपुर के गुमानीवाला स्थित डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस नम्बर 27 बच्चों को घर छोड़ने के लिए जैसे ही निकली उसका अनियंत्रित होकर इधर-उधर टकराना चालू हो गया। रास्ते भर करीब 10 जगहों पर वाहनों एवं अन्य वस्तुओं को टक्कर मारते हुए किसी तरह तपोवन क्षेत्र पहुंची। इस दौरान बस में करीब 36 बच्चे सवार थे। इस दौरान डरें सहमे बच्चों के मुंह से बार-बार चीख पुकार निकलती रही परन्तु ड्राइवर का दिल नहीं पसीजा। इतना ही नहीं बस के कंडक्टर ने भी चालक को समझाने का प्रयास किया कि वह वाहन को नहीं संभाल पा रहा है। इसलिए तत्काल उसे कहीं पार्क कर दें, दूसरा चालक आकर ले जाएगा। इस पर भी बेअंदाज बस चालक नहीं माना और 36 बच्चों की जान जोखिम में डालकर वाहन को सड़क पर दौड़ाता रहा। बच्चें किस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर घर तक पहुंचे इसका अंदाजा बस की अंतिम टक्कर से भी साफ-साफ लगाया जा सकता है जहां तपोवन में एक दुकान से हुई बस की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दुकान की छत उड़ गई। बस को लड़खड़ाता देख लोगोें ने आगे आकर शोर मचाते हुए चालक को ब्रेक लगाने का इशारा किया। इसके बावजूद स्पीड धीमी नहीं हुई। आखिर में भीड़ के नजदीक जाकर बस रुक पाई।
