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उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़

नगालैंड में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल, खबर सुनते ही परिजनों में मचा कोहराम



उत्तराखण्ड से जहाँ बीते वर्ष 2018 में 10 से ज्यादा जांबाज जवान शहीद हुए , वही फिर वर्ष 2019 के आरम्भ में ही एक जांबाज जवान के शहादत की खबर आयी है। मूल रूप से गंगोलीहाट जिला पिथौरागढ के निवासी असम राइफल्स के जवान गोपाल सिंह मेहरा नगालैंड में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहादत की खबर घर पहुंचते ही परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार शाम तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। वहीं उनका अंतिम संस्कार होगा। वर्तमान में उनका परिवार रुद्रपुर के दिनेशपुर में रहता है , और समाचार मिलते ही परिजन गंगोलीहाट के लिए रवाना हो गए।




बता दे की रुद्रपुर(थाना दिनेशपुर) के गांव उदयनगर निवासी असम राइफल्स के जवान गोपाल सिंह मेहरा नगालैंड में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। मूल रूप से गांव जजौली, पोस्ट दशाईथल तहसील गंगोलीहाट जिला पिथौरागढ़ निवासी 49 वर्षीय गोपाल सिंह मेहरा 24 असम राइफल्स में हवलदार के पद पर थे। वह वर्तमान में नगालैंड में तैनात थे। बुधवार तड़के चार बजे लोबरा के पास आतंकियों से हुई मुठभेड़ में गोली लगने से गोपाल सिंह शहीद हो गए। गोपाल सिंह के बड़े भाई निर्मल सिंह ने परिजनों को फोन कर गोपाल सिंह की शहादत कि सूचना दी क्योकि निर्मल सिंह भी असम राइफल्स (नगालैंड) में ही तैनात हैं। शहादत की खबर सुनते ही पत्नी और बच्चो का घर में रो रो के बुरा हाल है , पत्नी बार बार बेसुध हो जा रही है , पडोसी परिजनों को सांत्वना दे रहे है। गोपाल सिंह के घर में उनकी पत्नी बसंती, 17 वर्षीय पुत्र सौरभ और 14 वर्षीय पुत्री हिमानी है। सौरभ दिनेशपुर में पॉलिटेक्निक कालेज का छात्र है, जबकि हिमानी सरस्वती शिशु मंदिर कालीनगर में कक्षा नौ में पढ़ती है। गोपाल सिंह का परिवार पांच साल पहले दिनेशपुर के उदयनगर गांव स्थित दुर्गा स्टेट कॉलोनी में आकर रहने लगा था। एक साल बाद गोपाल सिंह सेवानिवृत्त होने वाले थे।




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