गौरवान्वित हुआ उत्तराखंड, भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट बनी चंद्रशिला कांडई गांव की रहने वाली सोनिया राणा..
राज्य की बेटियां आज चहुंओर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही है। आज जहां ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां देवभूमि उत्तराखंड की बेटियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर सफलता अर्जित ना की हों तो वहीं कुछ वर्षोंं पहले तक पुरूषों का एकाधिकार समझे जाने वाले सैन्य क्षेत्रों में भी अब राज्य की बेटियां बड़ी संख्या में तैनात हैं। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू करा रहे हैं जो भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के चमोली जिले के चंद्रशिला कांडई गांव की रहने वाली सोनिया राणा की, जो नेवी के मुंबई स्थित अस्पताल अश्वनी में चार साल के कठिन प्रशिक्षण को पूरा कर सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। उनकी इस अभूतपूर्व सफलता से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
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सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोनिया को दिल्ली स्थित आरआर अस्पताल में मिली है पहली तैनाती:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के पोखरी ब्लाक के चंद्रशिला कांडाई गांव निवासी सोनिया राणा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें कि वर्तमान में सोनिया का परिवार राज्य के देहरादून जिले में रहता है। 2015 में केंद्रीय विद्यालय रायपुर देहरादून से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात सोनिया का चयन 2016 में नर्सिंग आफिसर की परीक्षा में हुआ था। जिसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए नेवी का मुंबई स्थित अस्पताल अश्वनी आवंटित हुआ था। जहां वह बीते बृहस्पतिवार को चार वर्ष का कठिन प्रशिक्षण पूरा कर सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। उन्हें सेना के दिल्ली स्थित आरआर अस्पताल में पहली तैनाती मिली है। बताते चलें कि एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोनिया के पिता शिशुपाल सिंह राणा भारतीय सेना में नायब सूबेदार सेना शिक्षाकोर के पद से सेवानिवृत्त हैं जबकि उनकी मां ऊषा राणा एक कुशल गृहिणी है।
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