पंचतत्व में विलीन हुए शहीद मदन मोहन तिरूवा, सैन्य (millitary) सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार..
मां भारती का एक और सपूत शहीद मदन मोहन तिरुवा बीते शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद जवान का अंतिम संस्कार गमहीन माहौल में सरयू-खीरगंगा नदी के तट पर पूरे सैन्य (millitary) सम्मान के साथ किया गया। जहां शहीद मदन मोहन के भतीजों गणेश तिरुवा और राजेंद्र तिरुवा ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान जहां सैकड़ों लोगों ने शहीद जवान को नम आंखों से भावभीनी विदाई दी वहीं पूरा क्षेत्र देशभक्ति के नारों और मां भारती के जयकारों के साथ ही शहीद मदन मोहन तिरूवा अमर रहे से गुंजायमान हो उठा। इससे पहले जैसे ही बीआरओ के जवान शहीद मदन मोहन का पार्थिव शरीर लेकर उनके घर पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। मदन मोहन के तिरंगे में लिपटे हुए पार्थिव शरीर को देखकर जहां शहीद की मां और पत्नी बेसुध हो गए वहीं उनकी तीनों बेटियां भी अपनी आंखों से अश्रुओं की धारा नहीं रोक पाई। परिजनों को रोते-बिलखते देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई।
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गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र निवासी मदन मोहन तिरुवा पुत्र दीवान राम, बतौर टेक्निकल जेसीबी चालक ग्रिफ में कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग अरूणाचल प्रदेश में थी। जहां बीते बुधवार को ड्यूटी के दौरान हुए भूस्खलन की चपेट में आने से मदन मोहन शहीद हो गए थे। शनिवार सुबह बीआरओ के जवान जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर लेकर उनके आवास पर पहुंचे तो परिजनों की आंखों से अश्रुओं की धारा बहने लगी। शहीद पति के पार्थिव शरीर को देखकर जहां उनकी पत्नी नीतू तिरुवा अपने पति के शव से लिपटकर बिलख पड़ी और बदहवास सी हो गईं वहीं तीनों बेटियों सहित अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों के दुःख को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंख भर आई। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद दोपहर बाद जवान का अंतिम संस्कार सरयू-खीरगंगा नदी के तट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
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