Almora Bhagwati Chauhan Football: अल्मोड़ा की भगवती चौहान ने दिल्ली में आयोजित हुए फुटबॉल टूर्नामेंट में गोल्डन बूट किया अपने नाम
राज्य में प्रतिओं की कमी नहीं है। किसी भी क्षेत्र में यहां के युवा अपनी प्रतिभा से सफलता का परचम लहरा रहे हैं। सरकारी, गैर सरकारी ,बॉलीवुड खेल जगत सहित अन्य कई क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्रतिभाएं अपने हुनर के बल पर उत्तराखंड को गौरवान्वित कर रही हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली एक और ऐसी प्रतिभा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने बिना कोच के प्रैक्टिस करके फुटबॉल के खेल में नाम कमाया है। जी हां हम बात कर रहे हैं अल्मोड़ा की भगवती चौहान की ।बता दे कि भगवती ने दिल्ली में हुए एक फुटबॉल टूर्नामेंट में 12 गोल कर ‘गोल्डन बूट’ अपने नाम किया है।वही भगवती आईडब्ल्यूएल भी खेल चुकी हैं। बताते चले कि कई फुटबॉल प्रतियोगिताओं में भी भगवती को गोल्डन बूट खिताब से नवाजा गया है। भगवती का कहना है कि वह पिछले कई सालो से प्रैक्टिस कर रही हैं तथा और भी अच्छा करना चाहती हैं जिसके लिए उन्हे अच्छे से अच्छे कोच से प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता है।इसके साथ ही भगवती का कहना है अगर आगे उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम में खेलने का मौका मिलेगा,तो वह अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करके देश का नाम जरूर रोशन करेंगी।(Almora Bhagwati Chauhan Football)
बता दे कि भगवती ने अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम से प्रैक्टिस करनी शुरू की थी।कोच न होने के बावजूद भी भगवती ने खेलना शुरू किया शुरुआत में फुटबॉल के सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें फुटबॉल खेलना सिखाया।भगवती चौहान को अपने भाइयों को देखकर फुटबॉल खेलने का शौक हुआ जिसके बाद मात्र 13 साल की उम्र से ही भगवती ने अल्मोड़ा स्टेडियम आना शुरू कर दिया।भगवती का कहना है कि कई लोग कहते थे कि फुटबॉल में लड़कियों के लिए कुछ नहीं है ना ही फुटबॉल में कोई करियर है।लेकिन लोगो की बातो को अनसुना करके वह लगभग 9 साल से अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रही हैं। बताते चले कि भगवती का घर स्टेडियम से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है।जहां से वह सुबह और शाम प्रैक्टिस करने के लिए स्टेडियम पहुंच जाती है।