रूद्रप्रयाग की तीसरी महिला जिलाधिकारी होंगी वंदना (Vandana Singh), जल्द संभालेंगी कार्यभार..
रूद्रप्रयाग के लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के टिहरी गढ़वाल स्थानांतरित होने के बाद रूद्रप्रयाग जिले की जिम्मेदारी अब आईएएस अधिकारी वंदना को सौंपी गई है। वंदना रूद्रप्रयाग जिले की जहां 24 वीं जिलाधिकारी होंगी वहीं रूद्रप्रयाग जिले में जिलाधिकारी का पद संभालने वाली वह तीसरी महिला आईएएस अधिकारी हैं। उनसे पहले श्रीमती मनीषा प्रसाद पंवार और श्रीमती रंजना, रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल चुकी है, परंतु दोनों ही महिला जिलाधिकारियों का कार्यकाल केवल पांच महीने का ही रहा। बता दें कि वंदना सिंह (Vandana Singh) 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 2012 में आठवां स्थान प्राप्त किया था जबकि हिंदी माध्यम से वह मेरिट सूची में पहले स्थान पर थी। 1997 में रूद्रप्रयाग जिले के गठन के बाद से अब तक 23 आईएएस अधिकारियों ने जिलाधिकारी का पद संभाला है, इनमें सबसे अधिक समय तक जिले का कार्यभार संभालने वाले एवं जिले के सर्वाधिक लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ही हैं, जिन्होंने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।
संस्कृत में गुरूकुल से की पढ़ाई और बिना किसी कोचिंग के कड़ी मेहनत कर पहली ही कोशिश में हासिल किया आईएएस का मुकाम:-
रूद्रप्रयाग की नई जिलाधिकारी बनने जा रही वंदना सिंह चौहान वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले के मुख्य विकास अधिकारी का पदभार संभाल रही थी, इतना ही नहीं वह खुद बेटी बचाओ बेटी बचाओ अभियान की पिथौरागढ़ जिले की ब्रांड एम्बेसडर भी थी। बता दें कि आईएएस अधिकारी वंदना (Vandana Singh) मूल रूप से हरियाणा के सहारनपुर जिले के नसरुल्लागढ़ गांव की रहने वाली है। नब्बे के दशक में नसरुल्लागढ़ गांव में लड़कियों को पढ़ाने का प्रचलन बिल्कुल भी नहीं था परंतु वंदना के पिता ने उसका दाखिला गांव के प्राइमरी स्कूल में करा दिया। पहले तो दोनों भाई-बहन साथ में स्कूल जाते थे लेकिन गांव में अच्छा स्कूल ना होने के कारण पिता ने कुछ समय बाद ही उसके बड़े भाई को पढ़ने के बाद शहर भेज दिया, इसके बाद वंदना भी शहर जाने की जिद करने लगी। जिसका परिणाम यह हुआ कि पिताजी ने वंदना का दाखिला अमरोहा में स्थित लड़कियों के एक गुरुकुल में करा दिया और वहीं से उन्होंने संस्कृत विषय के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की तत्पश्चात स्नातक और लॉ के उपरांत घर पर रहकर ही बिना किसी कोचिंग के सिविल सेवा की तैयारी की और कड़ी मेहनत से पहली ही बार में सफलता प्राप्त की।
जन्म- 4 अप्रैल, 1989, हरियाणा के नसरुल्लागढ़ में
पिता:- मैनपाल सिंह चौहान
मां:- मिथलेश चौहान
भाई-बहन: प्रद्युमन सिंह, जोरावर सिंह एवं मीनाक्षी
प्रारम्भिक शिक्षा: गांव के प्राइमरी स्कूल से
इंटरमीडिएट:- 2005 में, श्रीमद गुरुकुल कन्या महाविद्यालय अमरोहा से
स्नातक:- 2008 में, हरियाणा के भिवानी स्थित गुरुकुल महाविद्यालय से
एलएलबी:- 2011 में, डा. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से