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Video: MLA Kailash Gahtori took the responsibility of SHOBHA BHATT from pati Champawat Uttarakhand.

उत्तराखण्ड

चम्पावत

विडियो: कैलाश गहतोड़ी ने ली , मजबूरी में घोड़ा चला रही चम्पावत के शोभा की जिम्मेदारी

देवभूमि दर्शन की खबर का असर: विधायक कैलाश गहतोड़ी ने ली शोभा भट्ट के भविष्य को उज्जवल की जिम्मेदारी, उठाएंगे पढ़ाई-लिखाई और भरण-पोषण का पूरा खर्चा..

आज एक बार फिर सोशल मीडिया ने अपनी ताकत का एहसास कराया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के चम्पावत जिले की रहने वाली शोभा भट्ट की, जिसकी मुश्किलों को हमने दो दिन पूर्व ही आप सबके सम्मुख रखा था और देवभूमि दर्शन के इस मानवतापूर्ण प्रयास को आप सबने भरपूर समर्थन भी दिया था। खबर को आप सबके द्वारा बड़े पैमाने पर साझा भी किया गया। इसी का परिणाम है कि आज आपकी और देवभूमि दर्शन की मेहनत रंग लाई है। जी हां.. चम्पावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने शोभा की हरसंभव मदद का न सिर्फ आश्वासन दिया है बल्कि उसकी पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी खुद उठाने की बात भी कही है। सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुई पोस्ट के आधार पर विधायक गहतोड़ी ने शोभा से बात की और उसे पढ़ाई के लिए अपने साथ ले जाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने शोभा को आश्वस्त किया कि अब उसे घोड़ा चलाने की कोई आवश्यकता नहीं है। वह उसकी हरसंभव मदद करेंगे और उसके परिवार का सारा खर्चा भी उठाएंगे।
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गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के पाटी विकासखंड के बालातड़ी क्षेत्र निवासी हीराबल्लभ भट्ट की पारिवारिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। बताया गया है कि हीराबल्लभ एक दिव्यांग व्यक्ति हैं, जो अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए घोड़ा चलाया करते थे। परंतु विगत दो वर्षों से उन्हें अचानक मिर्गी के दौरे पड़ रहे हैं। विदित हो कि हीराबल्लभ की पुत्री शोभा राजकीय इंटर कॉलेज बालातड़ी में कक्षा 10 की छात्रा हैं। शोभा एक बेहद ही होनहार छात्रा है किन्तु दो वर्षों से पिता के बीमार होने के कारण वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी और बीते कुछ महीनों से शोभा की मां का स्वास्थ्य बेहद खराब होने के कारण उसे परिवार के भरण-पोषण एवं मात-पिता के उपचार हेतु धन अर्जित करने के लिए उसे पढ़ाई-लिखाई छोड़कर घोड़ा चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। शोभा की इन विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए उसके गुरूजनों से समाज के सक्षम लोगों से इस होनहार बेटी की भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई थी।

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