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Where did this new disaster come from in Joshimath, the matter is completely shocking of sinking reason.

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चमोली

जोशीमठ में अब नई मुसीबत हुई खड़ी पूरे क्षेत्र में मचा हड़कंप देखें वीडियो

Joshimath sinking reason: जोशीमठ में अब एक गड्ढा बना है चर्चाओं का विषय, लगातार बढ़ रही है गहराई, वैज्ञानिक का यह भी मानना है विष्णु प्रयाग की ओर खिसक रही जोशीमठ की धरती…

अपने अस्तित्व की बाट जोह रहे जोशीमठ की खबरें भले ही अब राष्ट्रीय मीडिया की नजरों से ओझल होने लगी हों परन्तु वहां अभी भी हालात जस के तस बने हुए हैं। दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई दरारें जहां चिंता का सबब बनी हुई है वहीं इन दिनों रविग्राम क्षेत्र में बना एक गड्ढा भी चर्चाओं के साथ ही कौतूहल का विषय बना हुआ है। बताया गया है कि यह गढ्ढा, रविग्राम निवासी भगत सिंह के मकान के पास स्थित खेत में बना है, जिसकी चौड़ाई लगभग एक फीट तथा गहराई 10 फीट से अधिक है। स्थानीय लोगों की मानें तो गड्ढे की गहराई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे स्थानीय वाशिंदे लगातार परेशान हो रहे हैं। इतना ही नहीं गड्ढे के आसपास दरारें भी देखने को मिल रही हैं। फिलहाल गड्ढे को लेकर पूरे शहर में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। इस संबंध में जहां नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार का कहना है कि प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है। वहीं जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि कि इस गड्ढे की भूगर्भ विज्ञानियों की टीम से जांच कराई जाएगी।
(Joshimath sinking reason)
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गौरतलब है कि चमोली जिले का जोशीमठ क्षेत्र बीते काफी समय से भूधसाव की समस्या से जूझ रहा है। धरती की दरारें धरती की सतह की दरारें जहां दिन प्रतिदिन गहरी, लंबी और चौड़ी होती जा रही हैं वहीं अब इसका असर जलस्रोतों पर भी नजर आने लगा है। एक ओर जहां बीते 25 जनवरी को जोशीमठ के वार्ड चार में स्थिति नाले का पानी लगभग सूख गया था वहीं दूसरी ओर इसके अगले ही दिन मारवाड़ी क्षेत्र की निचली पहाड़ी पर एक जलस्रोत फूट पड़ा है। बताया गया है कि रविवार को इस जलधारा का प्रवाह 170 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) था। इस संबंध में जहां भूविज्ञानी प्रो. एमपीएस बिष्ट का कहना है कि दोनों घटनाओं का आपस में संबंध होने की प्रबल संभावना है। क्योंकि, भूधंसाव के कारण दरारें जमीन में काफी भीतर तक गहरी होती दिख रही हैं। जिससे यह भी हो सकता है कि जलस्रोत जमीन के भीतर अपना मार्ग बदलने लगे हैं। वहीं उनका यह भी कहना है कि यह स्थिति बताती है कि ताजा घटनाओं को देखते हुए लगता है कि जोशीमठ की जमीन विष्णुप्रयाग की तरफ खिसक रही है।
(Joshimath sinking reason)

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