liquid mirror Telescope Uttarakhand :उत्तराखंड के नैनीताल जिले मे स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज मे स्थापित हुआ विश्व का पहला लिक्विड-मिरर टेलीस्कोप
ब्रह्मांड के विषय में हमारी कल्पनाओं को साकार रूप देने के लिए वैसे तो कई दूरबीन का आविष्कार हुआ है जिनके माध्यम से हम अंतरिक्ष मैं होने वाली विभिन्न गतिविधियों को भलीभांति देख सकते हैं। इसी से संबंधित खबर उत्तराखंड के नैनीताल जिले से आ रही है जहां देवस्थल ऑर्ब्जेवेट्री 2450 मीटर ऊंचे पहाड़ पर टेलीस्कोप स्थापित किया गया है। बता दें कि भारत विश्व का पहला लिक्विड-मिरर टेलीस्कोप स्थापित करने वाला देश बन गया है। बताते चलें कि टेवीस्कोप के जरिए क्षुद्रग्रहों, सुपरनोवा, अंतरिक्ष मलबे तथा अन्य सभी खगोलीय पिंडों पर नजर रखी जा सकेगी। इसके साथ ही लिक्विड-मिरर टेलीस्कोप की सहायता से आसमान का लगातार सर्वेक्षण भी किया जा सकेगा। ये टेलीस्कोप आकाशगंगा के साथ साथ अन्य खगोलीय घटनाओं का भी निरीक्षण करने में सक्षम होगा। इस टेलिस्कोप के उत्तराखंड में स्थापित होने के बाद यह दुनिया का पहला तरल-दर्पण दूरबीन बन गया है।(liquid mirror telescope Uttarakhand )
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आइए आपको इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप के बारे में थोड़ी जानकारी देते हैं।इंटरनेशनल लिक्विड-मिरर टेलीस्कोप ILMT उत्तराखंड के नैनीताल जिले मे स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज के देवस्थल वेधशाला परिसर में स्थापित किया है। बता दें कि यह एकमात्र ऐसा टेलीस्कोप है, जिसे खगोलीय विज्ञान अनुसंधान के लिए विकसित किया है। बताते चलें कि अभी तक दुनिया में कोई भी ऐसा टेलीस्कोप नहीं बना है जिसे दुनिया के किसी भी कोने से एक्टिव किया जा सके लेकिन लिक्विड मिरर टेलीस्कोप की खासियत यह है कि इसे दुनिया के किसी भी कोने से एक्टिव किया जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिकों के साथ साथ यह हम सब के लिए भी गर्व का पल है।