Uttarakhand: अधिकारी पद की तीन-तीन नौकरियां छोड़कर रीना ने हासिल किया मुकाम, बनी पुलिस विभाग (Police Department) में डिप्टी एसपी…
‘सीढ़ियां उन्हे मुबारक हो जिन्हे छत तक जाना है;
मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है!’
इन चंद पंक्तियों को एक बार फिर सही साबित कर दिखाया है राज्य (Uttarakhand) की एक और होनहार बेटी रीना ने। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले की रहने वाली रीना राठौर की, जिन्होंने तीन-तीन सरकारी नौकरियों को ठुकरा कर उत्तराखण्ड पुलिस विभाग (Police Department) में पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) बनने का मुकाम हासिल किया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। उनकी यह अभूतपूर्व उपलब्धि न केवल उनके संघर्षों की कहानी को बयां करती है बल्कि पहाड़ की अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणादायक है। एक साधारण परिवार में पली-बढ़ी रीना ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों के साथ ही अपनी कड़ी मेहनत को दिया है। डिप्टी एसपी बनने से पूर्व रीना, खंड विकास अधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंड कमांडेंट के पद पर चयनित भी हो चुकी है। जिसमें उन्होंने खंड विकास अधिकारी के अतिरिक्त दोनों पदों पर अपनी सेवाएं भी दी है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के मुनिकीरेती निवासी रीना राठौर का चयन उत्तराखंड पुलिस में बतौर डिप्टी एसपी के पद पर हुआ है। बता दें कि एक किसान परिवार में पली-बढ़ी रीना ने अपनी शिक्षा-दीक्षा पहाड़ के अन्य बच्चों की तरह ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की। बचपन से पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा रही रीना ने हर कक्षा में पहला स्थान हासिल किया। इंटरमीडिएट की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर कालेज ऋषिकेश से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। मेधावी छात्रा के रूप कालेज में अच्छे अंक प्राप्त होने के बाद उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने स्कालरशिप के तौर पर 55 हजार रुपये दिए। इसी के सहारे वह आइएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली गईं।
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बताते चलें कि अपनी कड़ी मेहनत के दम पर सर्वप्रथम वह खंड विकास अधिकारी के पद पर चयनित हुई, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद रीना ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी, जिसमें उनका चयन उप शिक्षा अधिकारी के पद पर हुआ। इस पद पर सेवाएं देने के साथ ही उन्होंने अपनी तैयारियां जारी रखी, जिसके बाद उनका चयन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंड कमांडेंट के पद पर भी हुआ, जहां कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। बता दें कि गुरुवार को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेंद्र नगर में आयोजित पासिंग आउट परेड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रीना राठौर को सर्वोत्तम प्रदर्शन करने पर स्वार्ड आफ आनर से सम्मानित किया। इसी के साथ वह उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी भी बन गई।