गौरवान्वित पल: रवि दो साल पहले निर्विरोध चुने गए थे ग्राम प्रधान, अब उत्तीर्ण की फारेस्ट गार्ड (वन आरक्षी) की परीक्षा…
इस तथ्य से हर कोई वाकिफ हैं कि उत्तराखण्ड में बेरोजगारी चरम सीमा पर है। चुनावी वर्ष होने के कारण इस वक्त उत्तराखण्ड में बम्पर संख्या में सरकारी नौकरी की विज्ञप्ति निकली हुई हैं, जिसके लिए राज्य के लाखों युवा कड़ी मेहनत भी कर रहे हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने न केवल ग्राम प्रधान बनकर गांव के विकास का खाका खींचा बल्कि अपनी कड़ी मेहनत से सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के रहने वाले रवि कुमार की, जिनका चयन वन विभाग में बतौर वन आरक्षी (फारेस्ट गार्ड) हो गया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे गांव में भी खुशी की लहर है। रवि ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों के साथ ही अपनी कड़ी मेहनत को दिया है। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पिता लगाते है चाय की ठेली, बेटा कड़ी मेहनत से बना यूनिवर्सिटी में सहायक रजिस्ट्रार
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर के ज्ञानखेड़ा निवासी रवि कुमार का वन विभाग में वन आरक्षी (फारेस्ट गार्ड) पद पर चयनित हो गए हैं। बता दें कि रवि गांव के ग्राम प्रधान भी है। सबसे खास बात तो यह है एमए, बीएड की शिक्षा प्राप्त कर चुके रवि ने 21 नवंबर को ग्राम प्रधान पद से इस्तीफा जिला पंचायत राज अधिकारी चम्पावत को सौंपकर वन विभाग में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। बताते चलें कि दो वर्ष पूर्व हुए चुनावों में ग्रामीणों ने रवि को निर्विरोध ग्राम पंचायत ज्ञान खेड़ा का ग्राम प्रधान नियुक्त किया था। इस दौरान उन्होंने गांव के विकास के लिए कई कार्य किए। इतना ही नहीं उन्होंने टनकपुर में एक कोचिंग सेंटर खोल कर छात्र छात्राओं को निशुल्क विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी में भी पूरा सहयोग दिया।