देश कर रहा है नमन: पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) ने हर कदम पर दिया सीडीएस जनरल बिपिन रावत (BIPIN RAWAT) का साथ, पति के साथ ही हुई चिरनिंद्रा में लीन…
आज दोपहर को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद समूचे देश में प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया। शाम होते होते वह मनहूस खबर भी सुनने को मिल गई जिसकी देशवासियों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। बता दें कि इस हेलिकॉप्टर में हादसे के वक्त सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे। हादसे के बाद से ही बिपिन रावत के लिए उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में सनसनी फैल गई है। शाम छः बजे के आसपास भारतीय वायुसेना की ओर से जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 सैन्य अधिकारियों की शहादत की पुष्टि कर दी गई। एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर पति का हर कदम पर साथ देने वाली मधुलिका आज जनरल रावत (BIPIN RAWAT) के साथ ही हमेशा की तरह चीरनिद्रा में सो गई। इस तरह शादी के साथ फेरों से शुरू हुआ जनरल बिपिन रावत और मधुलिका का सफर मौत के आगोश में समा जाने के साथ ही खत्म हो गया। यह भी पढ़ें- दुखद संयोग: देश की सेनाओं को मजबूत करते हुए उत्तराखण्ड के दोनों बिपिन बीच में ही छोड़ गए साथ
बताते चलें कि बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत परिवार संभालने के साथ साथ एक और अहम जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। दरअसल वह आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं। CDS की पत्नी होने के नाते उनका भी एक अहम पद और विशेष नाम होता है इसलिए ज्यादातर दौरों पर वो भी उनके साथ जाती हैं। बता दें आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन यानी AWWA की स्थापना 1966 में की गई थी, जिसमें सेना के पत्नियों, बच्चों और सेना कर्मियों के आश्रितों के कल्याण के लिए काम किया जाता है। इस संस्था का उद्देश्य युद्ध में जान गंवाने वाले शहीदों की पत्नियों और आश्रितों की भलाई और सर्वागींण विकास करना भी है। मधुलिका रावत मध्य प्रदेश के शहडोल निवासी रियासतदार कुंवर मृगेंद्र सिंह की दूसरी बेटी हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया।
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।