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Uttarakhand news: Mohan Singh Bisht of Luntra village of chamoli became Assistant Commandant (DSP) in CRPF. Mohan Singh Bisht CRPF

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उत्तराखण्ड के मोहन सिंह बिष्ट बने CRPF में असिस्टेंट कमांडेंट (DSP), प्रदेश का बड़ा मान

Mohan Singh Bisht CRPF: गौरवान्वित पल, लुणतरा गांव के मोहन सिंह बिष्ट बने CRPF में असिस्टेंट कमांडेंट (DSP)….

देवभूमि उत्तराखंड के होनहार वाशिंदे आज चहुंओर अपनी काबिलियत का परचम लहरा रहे हैं। बात सैन्य क्षेत्रों की करें तो राज्य के अनेकों वाशिंदे उच्च पदों पर तैनात होकर समूचे प्रदेश को गौरवान्वित कर रहे हैं। ऐसी ही एक खबर आज राज्य के चमोली जिले से सामने आ रही है जहां का एक और होनहार प्रतिभा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं चमोली जिले के घाट विकासखंड के लुणतरा गांव निवासी मोहन सिंह बिष्ट की, जो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंट कमांडेट (डीएसपी) बन‌ ग‌ए है।‌ उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
Mohan Singh Bisht CRPF)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के घाट विकासखंड के लुणतरा गांव निवासी मोहन सिंह बिष्ट को बीते सोमवार को अफसर अकादमी माउंटआबू में हुई पासिग आउट परेड के दौरान असिस्टेंट कमांडेंट की पदवी मिल गई है। बता दें कि अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल से प्राप्त करने वाले मोहन ने राजकीय इंटर कालेज घाट से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात पीजी कालेज गोपेश्वर से स्नातक एवं परास्नातक की डिग्री हासिल की है। बताते चलें कि सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले मोहन के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट भी एक सेवानिवृत्त असिस्टेंट कमांडेंट है जबकि उनकी मां कमला देवी एक कुशल गृहणी हैं। बता दे की मोहन को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाते हुए 12 नक्सलियों को मारने पर वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति वीरता मेडल व प्रशस्ति पत्र से नवाजा जा चुका है। राष्ट्रीय स्तर की पुलिस प्रतियोगिता में भी मोहन ने एक स्वर्ण पदक व एक रजत पदक अर्जित किया है। साथ ही सीआरपीएफ में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हे तीन महानिदेशक मेडल व 12 प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं।
(Mohan Singh Bisht CRPF)

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