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Uttarakhand news: pithoragarh keran pantth joshi established hotel industry in Australia also books writer

उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़

उत्तराखंड के चिटकल गांव की बेटी ने ऑस्ट्रेलिया में खोला अपना होटल उद्योगKERAN PANTTH JOSHI

Keran Pantth Joshi: पहाड़ की एक ऐसी बेटी जो है एक सुप्रसिद्ध लेखक और होटल स्वामिनी 

उत्तराखंड के युवा स्वरोजगार की ओर लगातार अपने कदम बढ़ा रहे हैं चाहे वह उत्तराखंड में रहकर हो या फिर कहीं बाहर। देश – विदेश के कोने कोने में प्रदेश के युवा अपनी कड़ी मेहनत से सभी के लिए एक मिसाल बने हुए हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की एक ऐसे ही बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपना होटल उद्योग स्थापित किया है इसके साथ ही पुस्तकें भी लिखी। जी हां हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ जिले के चिटकल गांव मे जन्मी केरन पंथ की। बता दें कि केरन पंथ के पिता नवीन चंद्र पंत के नेवी में होने के कारण उनका परिवार पिथौरागढ़ से विशाखापट्टनम चला गया। केरन ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से पूरी की।



फिजियोथैरेपी में डिग्री हासिल करने के बाद केरन ने एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की। इसके बाद केरन ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में भी कार्य किया। बताते चलें कि वर्ष 2012 में केरन का विवाह लुधियाना के दीपक जोशी से हुआ जो ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत है। शादी के बाद केरन अपने पति के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई। (Keran Pantth Joshi)
ऑस्ट्रेलिया जाने के पश्चात केरन ने अपना होटल का व्यवसाय शुरू किया। केरन स्वरोजगार के साथ-साथ और लोगों को भी रोजगार देने का कार्य किया। इसके साथ ही केरन को पुस्तक लिखने का भी शौक है केरन पंथ जोशी अभी तक तीन पुस्तकें लिख चुकी है। उनकी एक पुस्तक इट्स फॉलोज यू मे कई कहानियां ऐसी है जो उत्तराखंड के गांवों से जुड़ी हुई हैं। उनकी दो अन्य पुस्तक चेक इन एंड चेक आउट और बियोंड फॉरएवर इन लव काफी चर्चित पुस्तकें हैं।
Keran pantth JOSHI books

केरन का कहना है कि वह अब चौथी पुस्तक का भी कार्य कर रही है। केरन का यह भी कहना है कि जब उन्होंने होटल का व्यवसाय शुरू किया था तो नया शहर होने के कारण कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। उनके अनुसार यदि कुछ करने की लगन हो तो किसी भी कठिनाई को आसानी से पार किया जा सकता है। करोना काल में होटल का व्यवसाय कम होने पर उन्होंने अपने शौक पुस्तके लिखने के ऊपर कार्य किया और इसमें वे सफल भी रही।

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