Mount Everest Savita Kanswal: महज 24 वर्ष की उम्र में हासिल किया मुकाम, माउंट एवरेस्ट फतह कर फहराया तिरंगा, विश्व पटल पर बढ़ाया देश प्रदेश का मान…
राज्य की होनहार प्रतिभाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खासतौर पर राज्य की बेटियों ने आज हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का डंका बजाया हैं। आए दिन सामने आने वाली राज्य की इन होनहार बेटियों की सफलताओं की खबरें इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसी कड़ी में आज फिर राज्य की एक प्रतिभावान बेटी ने न सिर्फ समूचे उत्तराखण्ड को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है बल्कि विश्व पटल पर समूचे देश का मान भी बढ़ाया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के उत्तरकाशी जिले के लौंथरू गांव की रहने वाली सविता कंसवाल की, जिन्होंने महज 24 वर्ष की उम्र में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर तिरंगा फहराया है। सविता की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं क्षेत्र के साथ ही समूचे उत्तराखण्ड में भी खुशी की लहर है।
(Mount Everest Savita Kanswal)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक के लौंथरू गांव निवासी सविता कंसवाल ने माउंट एवरेस्ट पर्वत चोटी का सफल आरोहण कर वहां तिरंगा फहराने का मुकाम हासिल किया है। बता दें कि विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर तिरंगा फहराकर समूचे देश प्रदेश को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान करने वाली सविता इससे पूर्व भी कई पर्वत चोटियों पर फतह हासिल कर चुकी हैं। बीते वर्ष ही उन्होंने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण किया था। सबसे खास बात यह है कि माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली सविता कंसवाल भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही है। बताते चलें कि चार बहनों में सबसे छोटी सविता एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। लेकिन परिवार की विषम परिस्थितियों से जूझते हुए सविता ने कभी गरीबी और परेशानियों से हार नहीं मानी। यही कारण है कि अपने संघर्षों की बदौलत उन्होंने आज समूचे विश्व में देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है।
(Mount Everest Savita Kanswal)
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